लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पॉलिटेक्निक सेमेस्टर परीक्षा के केंद्र निर्धारण में धांधली के आरोप लग रहे हैं. इस मामले में सचिव प्राविधिक शिक्षा परिषद सुनील सोनकर पर अंगुली उठ रही है. आरोप है कि प्राविधिक शिक्षा परिषद कार्यालय के स्तर पर नियमों की अनदेखी कर परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. एक जिले के बच्चों का परीक्षा केंद्र दूसरे जिले में आवंटित कर दिया गया. अधिकारियों की इस कारगुजारी से परेशान कॉलेज प्रबंधकों की ओर से मुख्यमंत्री को लिखित शिकायत भेजी गई है. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के पॉलिटेक्निक संस्थानों में 25 जून से सेमेस्टर परीक्षाएं होनी है. इन सेमेस्टर परीक्षाओं में करीब ढाई लाख छात्र-छात्राएं शामिल होंगे.
यह हैं हालात : केएसबी कॉलेज ऑफ फार्मेसी गाज़ीपुर में आरपीएस कॉलेज ऑफ फार्मेसी केराकत जौनपुर के बच्चों का केंद्र बनाया गया है. वहीं, आरपीएस कॉलेज ऑफ फार्मेसी जौनपुर में पांच कॉलेजों का केंद्र बनाया गया है. तीन कॉलेज वाराणसी के हैं. इनमें बनारस इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी, बनारस इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटेक्निक एंड इंजीनियरिंग और डॉ. विजय इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड टेक्नोलॉजी वाराणसी शामिल हैं. इसके साथ ही डॉ. विजय इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड टेक्नोलॉजी में डॉ. बीआर अंबेडकर पॉलिटेक्निक कॉलेज गाजीपुर का परीक्षा केंद्र बनाया गया है.
पैसा लेकर केंद्र बनाने के आरोप : पॉलिटेक्निक की सेमेस्टर परीक्षाएं प्रदेश भर में आयोजित की जाती हैं. इसका पूरा नियंत्रण लखनऊ के पास बांसमंडी स्थित प्राविधिक शिक्षा परिषद के कार्यालय से किया जाता है. केंद्रीयकृत व्यवस्था होने के चलते सब कुछ इसी कार्यालय से होता है. ऐसे में कई बार इस कार्यालय में बैठने वाले अधिकारियों पर कॉलेजों से पैसे लेने तक के गंभीर आरोप लग चुके हैं.
सचिव ने नहीं दिया कोई जवाब :पॉलिटेक्निक सेमेस्टर परीक्षा जून-2022 के केंद्र निर्धारण में लग रहे इन आरोपों पर सचिव प्राविधिक शिक्षा परिषद का पक्ष जानने के लिए बार-बार संपर्क करने की कोशिश की गई. कार्यालय पर वह मौजूद नहीं थे. उनका मोबाइल बुधवार सुबह करीब 10:00 बजे से लगातार खबर लिखे जाने तक बंद था.
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