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भाजपा के इतिहास में प्रदेश अध्यक्ष का इस्तीफा देना केवल सजा, स्वतंत्र देव सिंह के भविष्य पर उठ रहे सवाल - जल शक्ति मंत्री

जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने दो दिन पहले अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजा है. जिसके बाद में उन्होंने यह कहा है कि फिलहाल वे अध्यक्ष के तौर पर काम करते रहेंगे.

जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह
जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह

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Published : Jul 29, 2022, 4:36 PM IST

लखनऊ : जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह का भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा एक सामान्य घटना नहीं है. यह भाजपा की औपचारिक प्रक्रिया नहीं है. भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष का इस्तीफा देना केवल सजा रही है. भाजपा को जब हार का सामना करना पड़ता था, तब प्रदेश अध्यक्ष अपने पद से इस्तीफा देते रहे हैं. मगर बिना किसी औचित्य के और केवल कार्यकाल पूरा होने की वजह से इस्तीफा देने का यह पहला मामला है. जिसको लेकर कयास यह भी लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह का भविष्य संकटों से घिरा हो सकता है. हाल ही में जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश कुमार खटीक ने उन पर भ्रष्टाचार के अनेक आरोप जड़े थे. जिसके बाद में यह बातें सामने आने लगी हैं कि जल शक्ति मंत्री का समय कुछ ठीक नहीं चल रहा है.


जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने दो दिन पहले अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजा है. जिसके बाद में उन्होंने यह कहा है कि फिलहाल वे अध्यक्ष के तौर पर काम करते रहेंगे. वह चित्रकूट में आयोजित किए जा रहे भाजपा के प्रशिक्षण वर्ग की अध्यक्षता भी कर रहे हैं. माना जा रहा है कि निकट भविष्य में भाजपा को नया अध्यक्ष भी मिल जाएगा. स्वतंत्र देव सिंह के इस्तीफे के बाद इस पूरे घटनाक्रम का पोस्टमार्टम किया जा रहा है कि आखिरकार ऐसा क्यों हुआ.

जानकारी देते संवाददाता ऋषि मिश्र

इससे पहले 2002 में भाजपा की हार के बाद तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष विनय कटियार ने अपने पद से इस्तीफा दिया था. इसके ठीक 10 साल बाद 2012 में सूर्य प्रताप शाही ने विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. फिर अध्यक्ष बने लक्ष्मीकांत बाजपेई, केशव प्रसाद मौर्य और महेंद्र नाथ पांडेय ने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया था. कार्यकाल समाप्त होने के बाद नया अध्यक्ष आया और उसने काम करना शुरू कर दिया था. स्वतंत्र देव सिंह ने इस्तीफा दे दिया है. माना जा रहा है कि जिस तरह से उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगे संगठन का उन पर दबाव है और सजा के तौर पर उनको यह इस्तीफा देना पड़ा है.

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राजनैतिक विशेषज्ञ और वरिष्ठ पत्रकार रतिभान त्रिपाठी ने बताया कि निश्चित तौर पर उनका इस्तीफा देना सामान्य बात नहीं है. जिसका साफ सियासी संकेत है जो कि भविष्य में सामने आएगा. उन्होंने बताया कि यह राज्यमंत्री के आरोप का भी असर हो सकता है.
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