लखनऊ : टोल वसूली शुरू होने के साथ ही पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के सारे सर्विस कट बंद कर दिए गए हैं. अब केवल बड़े जिलों में बनाए गए कट से ही प्रवेश और निकास हो सकेगा. इस व्यवस्था के चलते लोगों की मुश्किलें बढ़ीं हैं. अपने गांव तक पहुंचने के लिए स्थानीय लोगों को अब लंबी दूरी का सफर तय करना होगा.
इस मामले में UPEIDA (Uttar Pradesh Expressways Inustrial Development Authority) का कहना है कि पहले जो कट बनाए गए थे वो कामकाज के लिए ट्रकों, अधिकारियों और कर्मचारियों के आने जाने के लिए होते थे. अब जबकि यह एक्सप्रेस-वे पूरी तरह से बनकर तैयार हो चुका है, तो सर्विस कट की जरूरत नहीं है. इन कटों के खत्म होने से यात्रा और ज्यादा आसान और तेज होगी. साथ ही दुर्घटनाओं की आशंका भी कम होगी.
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल चुनाव से पहले ही कर दिया था. मगर इस पर टोल के साथ यात्रा इस साल एक मई से शुरू हुई है. लखनऊ से गाजीपुर के बीच लगभग 600 रुपये टोल तय किया गया है. हर एक किलोमीटर पर टोल 2 रुपये 40 पैसे लिया जा रहा है.
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गौरतलब है कि पहले हर 10 किलोमीटर पर एक कट था. इसके जरिए लोग आसानी से नीचे उतर जाते थे और अपने गंतव्य तक पहुंचना उनके लिए आसान हो जाता था. यह कट औपचारिक रूप से आने-जाने के लिए नहीं था. इनका इस्तेमाल केवल सर्विस के लिए किया जा रहा था और ट्रकों से माल ढुलाई भी की जा रही थी. इसके चलते श्रमिकों का आवागमन होता था.
मगर अब यह सारे कट बंद कर दिए गए हैं. लखनऊ से केवल उन जिलों के मुख्यालय तक जाने के लिए ही कट खुले हैं जो इस एक्सप्रेस-वे से जुड़े हैं. बाकी सारे छोटे कट बंद कर दिए गए हैं. इसलिए अब लोगों को जिले के मुख्य कट से ही उतर कर लंबी दूरी तय करनी होगी. यूपीडा के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी एससी वर्मा ने बताया कि सर्विस कट बंद करना बहुत ज़रूरी था. सर्विस कट की वजह से दुर्घटनाएं होने की आशंका थी. अब यहां पर सर्विस लेन का काम खत्म हो चुका है.एक्सप्रेस वे पर आठ पेट्रोल पंप बनाए जा चुके हैं. कुछ रेस्ट प्लाजा का काम भी चल रहा है. बाकी सभी काम पूरे हो चुके हैं. सभी जगह पर शौचालय भी बनाए जा चुके हैं. इसलिए अब सभी कट बंद कर दिए गए हैं. लोगों को अब अपने जिले के मुख्य कट से होकर ही जाना होगा.
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