लखनऊ: चुनावी आचार संहिता समाप्त होने के बाद एक बार नए सिरे से मुख्यमंत्री आवास पर जनता दरबार का आगाज होगा. जिसमें प्रदेशभर से आने वाले लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए दो मंत्रियों की ड्यूटी लगाई गई है. 4 अप्रैल से एक बार फिर से प्रत्येक सप्ताह में 2 दिन जनता दरबार का आयोजन किया जाएगा.
यहां पर आने वाली शिकायतों के निस्तारण के लिए समयबद्ध तरीके से संबंधित जिले के अफसरों को सख्त निर्देश जारी किए जाएंगे. समाधान ना होने की दशा में इन अधिकारियों पर मुख्यमंत्री कार्यालय एक्शन भी लेगा. इस बात की अधिकृत सूचना मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से सार्वजनिक की गई है.
गौरतलब है कि 9 जनवरी को विधानसभा चुनाव 2022 की अधिसूचना लगने के बाद से जनता दरबार लगना बंद हो गया था. चुनावी आचार संहिता के दौरान इस तरह के कार्यक्रम रोक दिए जाते हैं. अब जबकी सरकार का गठन हो चुका है ऐसे में इस तरह के कार्यक्रमों को लेकर कोई अड़चन नहीं है.
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इसलिए मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से एक बार फिर जनता दरबार को शुरू किए जाने की हरी झंडी मिल चुकी है. इन जनता दरबार के माध्यम से प्रदेश के हजारों लोगों को जो न्याय उनके जिलों में नहीं मिल पाता है, वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में मिल जाता है.
मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी एनकेएस चौहान ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के निर्देशानुसार उनके 5 कालीदास मार्ग आवास पर लोगों की समास्याओं के निराकरण हेतु पूर्व की भांति जनसुनवाई कार्यक्रम 4 अप्रैल को प्रातः 09.00 बजे से शुरू किया जायेगा.
उन्होंने बताया कि उक्त कार्यक्रम में प्रत्येक सोमवार को प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के राज्यमंत्री अजीत पाल प्रतिभाग करेंगे तथा प्रत्येक मंगलवार को प्रदेश के कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख प्रतिभाग करेंगे. जनसुनवाई कार्यक्रम में अपनी समस्याओं के दृष्टिगत मिलने आने वाले लोगों से अनुरोध है कि कोविड गाइड लाइन्स का पालन करते हुए उक्त कार्यक्रम में शामिल हों.
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