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लखनऊ: कोरोना वायरस जांच पारदर्शिता को लेकर प्रियंका गांधी ने उठाए सवाल - priyanka gandhi raised questions on yogi government

उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रदेश में कोरोना वायरस रोकथाम करने के लिए अपनाई जा रही जांच प्रक्रिया को लेकर योगी सरकार पर सवाल उठाए हैं.

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प्रियंका गांधी वाड्रा.

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Published : Apr 25, 2020, 11:51 AM IST

लखनऊ: कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस की जांच प्रक्रिया को लेकर योगी सरकार पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कोरोना जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने के साथ ही पारदर्शिता अपनाए जाने की सलाह उत्तर प्रदेश सरकार को दी है.

शनिवार सुबह प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोशल मीडिया पर इस सिलसिले में एक टिप्पणी की है. इस बहाने उन्होंने उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस की जांच और क्वारंटाइन केंद्रों पर लापरवाही की ओर भी इशारा किया है. प्रियंका ने कहा कि " उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस टेस्टिंग को लेकर काफी लोग चिंताएं व्यक्त कर रहे हैं. कोरोना से लड़ाई में पारदर्शिता बड़े काम की चीज है. सर्व समाज और सरकार मिलकर ही इस महामारी को शिकस्त दे सकते हैं . इस संदर्भ में कुछ सुझाव को मैं यहां साझा कर रही हूं."

प्रियंका के सुझाव और सवाल
इस बात को पूरी दुनिया मान चुकी है कि सही तरीके के और ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग ही कोरोना के रोकथाम की कुंजी है. उत्तर प्रदेश सरकार ने 2 दिनों से जांचों की संख्या बताना बंद कर दिया है. टेस्टिंग को लेकर पूरी तरह से पारदर्शिता होनी चाहिए, ताकि जनता को जानकारी मिले और इस महामारी के खिलाफ समाज और प्रशासन एकजुट होकर लड़ पाए. आंकड़ों और सच्चाई को छुपाने से समस्या घातक हो जाएगी. उत्तर प्रदेश सरकार को जल्द से जल्द समझना होगा.

प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रदेश की किस लैब में रोज कितने टेस्ट हो रहे हैं और केजीएमयू सहित प्रदेश के अन्य टेस्टिंग लैब की प्रतिदिन जांच क्षमता क्या है ? यह आंकड़ा जनता के समक्ष रखना बहुत ही महत्वपूर्ण है. उत्तर प्रदेश में पूल टेस्टिंग के नाम से कई दर्जन लोगों के सैंपल इकट्ठे एक ही किट द्वारा टेस्ट हो रहे हैं. हेल्थ एक्सपर्ट ने इस प्रक्रिया के लिए सख्त नियम तय किए हैं, जिनका सही पालन ना होने से नुकसान हो सकता है. सरकार को पूल टेस्टिंग के इस्तेमाल में पूरे एहतियात लेने चाहिए और इस बारे में जनता को पूरी जानकारी देनी चाहिए.

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क्वारंटाइन केंद्रों में डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइंस फॉलो करना बहुत ही महत्वपूर्ण है. क्वारंटाइन केंद्रों में भोजन और नाश्ता की उपलब्धता, स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा प्रतिदिन जांच और केंद्र की स्वच्छता की रिपोर्ट जारी होनी चाहिए. क्वारंटाइन की अवधि पूरी होने पर घर भेजने के पश्चात व्यक्तियों की दोबारा जांच करने की योजना जनता को स्पष्ट की जाए.

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