लखनऊ:कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने प्रियंका ने हस्तिनापुर से कांग्रेस की उम्मीदवार अर्चना गौतम को लेकर की जा रही टिप्पणियों पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, अर्चना ने काफी संघर्ष किया है और जिस तरह से उन पर कीचड़ उछाला जा रहा हूं और मीडिया उनसे उनके कपड़ों और शादी के बारे में सवाल पूछ रहा है, मैं कहना चाहती हूं कि आखिर आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या किसी अन्य व्यक्ति से यह सवाल क्यों नहीं पूछते? आप आखिर क्यों अर्चना को जलील करना चाहते हैं, सिर्फ इसलिए कि वह महिला हैं?
प्रियंका ने मंगलवार को आम लोगों से सीधे जुड़ने के लिए ऑनलाइन संवाद किया. प्रियंका ने बचपन में राहुल के साथ अपनी ट्यूनिंग को भी साझा किया. उन्होंने बताया कि मां सोनिया गांधी खुश होने और नाराजगी के दौरान प्रियंका को किस नाम से बुलाती हैं.
मेहुल पाटीदार गुर्जर ने पूछा कि आने वाले समय में राजनीति में क्या बदलाव आएगा? महिलाओं, युवाओं के मुद्दे से राजनीति में क्या बदलाव हो सकता है?
प्रियंका गांधी ने कहा कि हम बदलाव की बात करते हैं. जिस तरह महिलाओं को नकारा गया कि हम आबादी के 50% हैं लेकिन हमारी भागीदारी राजनीति में बहुत कम है. महिलाओं को आगे लाने का मकसद यह है कि महिलाओं के जो मुद्दे हैं उन्हें अब नकारा नहीं जा सकता.
हिमांशी गोयल ने पूछा बचपन में आप और राहुल लड़ते थे. कौन जीतता था?
प्रियंका ने कहा कि राहुल ही जीतते थे. लड़ाइयां बहुत होती थी. दादी जी की हत्या मेरे घर में ही हुई. उसके बाद से हम स्कूल नहीं जा पाए. 12 साल की उम्र से 18 साल की उम्र तक सारी पढ़ाई घर पर हुई. हम दोनों अकेले रहते थे. पिताजी देशभर में भ्रमण करते थे, मम्मी भी जाती थी उनके साथ ही तो हम अकेले होते थे. इस दौरान लड़ाइयां भी बहुत तगड़ी हुईं, लेकिन बाहर से आकर हमसे कोई लड़ता था तो हम साथ मिलकर लड़ते थे. लड़ाइयां भी काफी जबरदस्त हुई थीं. कभी एक दूसरे को पिताजी अलग करते थे.
योगिता तोमर ने प्रियंका गांधी से सवाल किया कि क्या आपने बच्चों को होमवर्क कराया है. क्या आपसे अब पढ़ाई में मदद मांगते हैं?
प्रियंका ने कहा कि मैंने इतना बच्चों से होमवर्क कराया है. इनके दोस्तों को भी होमवर्क कराया है. सब आते थे आंटी मेरी मदद कर दीजिए. चुनाव प्रचार के बाद भी बच्चों का होमवर्क कराती थी. उनके फ्रेंड का भी होमवर्क कराती थी.
आशिका कपूर ने सवाल किया कि कोविड को देखते हुए आपने मैराथन रोक दी अब हम स्कूटी कैसे जीत सकते हैं. क्या आपने आगे के लिए कुछ सोचा है?
प्रियंका गांधी ने कहा कि हमें लगा कि लड़कियों में बहुत उत्साह है, बहुत ऊर्जा है. सब अच्छा चल रहा था, लेकिन कोविड की वजह से बंद करना पड़ा. लेकिन हमने फैसला लिया कि अब ऑनलाइन कंपटीशन कराएंगे. काफी बड़े पैमाने पर हम ऑनलाइन कंप्लीशन कराएंगे.
प्रियंका गांधी से संध्या साहू ने पूछा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने कहा था कि महिलाओं की शक्ति को नियंत्रित करने की जरूरत है. वो आज मुख्यमंत्री हैं, आपका क्या सोचना है?
प्रियंका गांधी ने कहा कि यह योगी जी की, भाजपा की और उनकी पार्टी की, उनके नेताओं की जो विचारधारा है, उसकी महिला के प्रति विचारधारा है, उसको पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है. महिलाओं की स्थिति को नियंत्रित करना गलत होगा. महिलाओं की उर्जा देश को बदल सकती है. इस पर नियंत्रण करने की क्या जरूरत है और कौन होते हैं आप नियंत्रण करने वाले? मैं इससे असहमत हूं.
अभय शुक्ला ने सवाल किया कि आपके घर में फैसले कौन लेता है?
प्रियंका गांधी ने कहा कि मेरे घर में भयानक लोकतंत्र है. सब लोग बैठ कर निर्णय लेते हैं, लेकिन साथ-साथ छोटी-छोटी चीजों में, शाम को क्या खाना है, क्या करना है, इसमें भी सभी के सलाह ली जाती है. मेरे ख्याल से सभी परिवारों में ऐसा ही होता होगा.
शशांक शर्मा ने सवाल किया कि उन्नाव में आपने एक रेप पीड़िता की मां को टिकट दिया है. आशा बहू को टिकट दिया. क्या आपको नहीं लगता कि दूसरी पार्टी से वह कमजोर रहेंगी.
प्रियंका ने कहा कि हां मैं यह मान सकती हूं कि उन्होंने इतना अत्याचार सहा है. मुझे लग रहा है कि उन्हें राजनीतिक शक्ति देने का मौका देना चाहिए. इसलिए मैंने उन्हें टिकट दिया है. धनबल और बाहुबल जो नेता होते हैं उनको अपनी पार्टी से मिलता है, हम उनकी मदद करेंगे. उन्हें समर्थन देंगे. उनके प्रचार में ठोस तरीके से लगेंगे. वह अच्छी लड़ाई लड़ पाएंगे. प्रियंका ने रेप पीड़िता की मां की दास्तां सुनाई कहा कि वह मुझसे मिलने आई उन्होंने कहा कि पांच लोग मेरे घर में खत्म हुए. उनकी तेहरवीं तक नहीं कर पाए. उन्होंने बहुत सहा है. इसलिए मैंने उन्हें टिकट दिया है. प्रि
तनुजा सिंह ने पूछा कि भारतीय राजनीति में क्या ऐसी चीज है, जिसे आप बदलना चाहेंगी?
प्रियंका गांधी ने कहा कि एक दिल की आशा है कि चुनाव में सिर्फ सकारात्मक बातें हों. देश और समाज को बांटने की बातें बंद हों. ऐसी राजनीति हो, जो जनता के प्रति जवाबदेह हो. समस्या को हल करने की बात करें. विकास की बात करें. चुनाव के समय जो प्रचार हो, वह इसी तरह का हो.
राशि ने पूछा कि आपको सोनिया गांधी घर पर क्या कह कर बुलाती हैं?
प्रियंका ने कहा कि प्यार से प्री और जब गुस्सा होता है तो प्रियंका.
आकांक्षा पिया ने पूछा कि हम आपके साथ कैसे जुड़ सकते हैं?
प्रियंका गांधी ने कहा कि मैं अपने ऑफिस से किसी से कहूंगी कि आपको डायरेक्ट मैसेज भेज कर आपको जोड़ सकें.
सुष्मिता ने सवाल किया कि कांग्रेस ने हस्तिनापुर में जिस महिला को टिकट दिया है. आज भाजपा उस पर कीचड़ उछाल रही है. आपका क्या कहना है?
प्रियंका गांधी ने कहा कि हस्तिनापुर में जो चुनाव लड़ रही हैं, उन्होंने बहुत संघर्ष करके अपना जीवन बनाया है. जिस तरह से कीचड़ उछाला जा रहा है उन पर कि कैसे कपड़े पहनती हैं कि उन्होंने बिकनी पहनी, जिस टाइम मीडिया उनसे यह सवाल कर रही है कि आपसे कौन शादी करना चाहेगा तो मैं कहती हूं क्यों आप नरेंद्र मोदी से सवाल क्यों नहीं करते कि आप क्या पहनते हैं कि आप शादी क्यों नहीं करते? आप सिर्फ महिलाओं से ऐसे प्रश्न पूछते हैं.
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प्रियंका गांधी ने कहा कि यह एकदम गलत है. वह महिला संघर्ष कर रही है और कह रही है कि मैं सेवा करना चाहती हूं. मैं जनता के मुद्दों को उठाना चाहती हूं. मैं विकास की बात करना चाहती हूं. मैं किस तरह से हस्तिनापुर को आगे बढ़ा सकूं यह उसके दिमाग में है. कीचड़ उछाल कर आप उन्हें हल्का बनाना चाहते हैं. क्योंकि वह महिला है. अगर वह किसी पार्टी का पुरुष होता तो आप इस तरह के सवाल नहीं करते.
निशा सिंह ने पूछा कि आप महिलाओं की बात कर रही हैं, लेकिन कैसे आपकी पार्टी बेहतर विकल्प है?
प्रियंका ने कहा कि निशा आपको परखना पड़ेगा तभी असलियत पता चलेगी. मैं यह कह सकती हूं कि हमारी राजनीति और जो दूसरी पार्टियां हैं उनकी राजनीति में फर्क है. हम समझते हैं कि हम आपके प्रति जवाबदेह हैं. हम यह ग्रांटेड के लिए नहीं लेते कि आप जाति के आधार पर या धर्म के आधार पर हमें पांच सालों में वोट देंगे ही देंगे. अगर हम सोचते हैं कि आपके प्रति हम जवाबदेह हैं. इसका मतलब है कि हम आपके लिए काम करेंगे.
आस्था ने प्रियंका से सवाल पूछा कि क्या आपकी जिंदगी में कोई लड़की हूं लड़ सकती हूं मोमेंट रहा है?
प्रियंका ने कहा कि वैसे तो ऐसे बहुत सारे मोमेंट रहे हैं. हाल ही में लखीमपुर में हम पीड़ित परिवार के सदस्यों से मिलने जा रहे थे तो हमें काफी लड़ना पड़ा. पुलिस ने घेरा हुआ था तो मैंने पूछा बताइए आप किस आधार पर हमें रोक रहे हैं, तो कोई जवाब नहीं दे पाए. थोड़ी देर बाद जब टोल आया तो टोल गेट पर पूरा प्रशासन खड़ा था. एक ऐसा मोमेंट आया, जब लगा कि यह लोग हमें जाने नहीं देंगे. उन्होंने टोल से गाड़ी निकाल ली. उस समय मेरे ख्याल से दो-तीन साथी घबरा गए थे कि हम क्या करेंगे.
मैंने गाड़ी चलाई तो नहीं, लेकिन कंट्रोल ले लिया और हाईवे से उतरकर रात के अंधेरे में हम गांव के रास्ते से चले गए. हमारे पीछे पुलिस आ रही थी. हमें मालूम था कि पुलिस आएगी, तो हमें रोकेगी और हम जा नहीं पाएंगे. मुझे यह सूझा कि हम इस रास्ते से अंदर उतर जाएं और खेती की तरफ चले जाएं. वहां इंजन और लाइट बंद कर दें, तो उन्हें दिखेगा नहीं. हम आगे चले गए गाड़ी को साइड में लिया और वहां लाइट बंद कर दी. इंजन बंद कर दिया. पुलिस वाले आगे निकल गए, तो उस समय मुझे लगा कि यह लड़की हूं लड़ सकती हूं मोमेंट था. उस समय पुरुष मुझसे ज्यादा घबरा रहे थे. हमने वह सिचुएशन मैनेज कर ली.
सर्वेश कश्यप ने पूछा कि केंद्र में कांग्रेस सरकार बनती है तो आपके सामने पांच बड़ी चुनौतियां कौन सी होंगी?
प्रियंका ने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती सकारात्मक राजनीति पर पूरा फोकस करना होगा. दूसरी चुनौती इकोनामिक सिचुएशन कैसे मजबूत करें. कैसे रोजगार सृजित करें. महिलाओं की समस्याओं को दूर करना तीसरी चुनौती होगी. सेहत और स्वास्थ्य की सुविधाओं को और मजबूत करना होगा. शिक्षा की सुविधाओं को और बेहतर करना.
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