लखनऊ:ईटीवी भारत की टीम एक सीएचसी और एक पीएचसी में गयी. चौपड़ की सीएचसी में साफ सफाई का हाल बुरा था. वहीं बालू अड्डा स्थित पीएचसी दो कमरों में चल रहा था.
जानकारी देती डॉ. सरोज श्रीवास्तव प्राथमिक स्वास्थ्य केद्र प्रभारी राजधानी में स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल बालू अड्डा का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोल रहा है. यह पिछले सात साल से ऐसा ही है. हाल ही में कालरा के चलते दो बच्चों की बालू अड्डा में मौत हुई थी, जिसके बाद इस स्वास्थ्य केन्द्र पर डीएम से लेकर विधायक और मंत्री भी आ चुके हैं. नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की प्रभारी डॉ. सरोज श्रीवास्तव ने बताया कि पीएचसी में कुल 46 स्टाफ कर्मचारी हैं, जिसमें सफाई कर्मचारी, आया, नर्स, डॉक्टर, आशा बहू और एनम शामिल हैं. इस समय पीएचसी में 60-70 मरीज रोजाना आते है. सुबह 10 बजे पीएचसी खुल जाती है और रात 8 बजे तक खुली रहती है. आस पास के लोग इलाज के लिए आते है. बालू अड्डा का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र डॉ. सरोज ने बताया कि यहां सबसे बड़ी समस्या जगह की है. दो कमरे में पीएचसी संचालित हो रहा है. इसमें सिर्फ तीन चेयर और एक बेड पड़ा है. कभी अधिक मरीज सीरियस आ जाते हैं तो उन्हें भर्ती करने में समस्या आती है. कभी-कभी मौके पर सामान होते हुए भी सामने दिखाई नहीं देता है. छोटे से पीएचसी में वैक्सीनेशन भी होता है तो उस समय लोगों की काफी भीड़ जमा हो जाती है. ऐसे में कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं हो पाता है. जगह कम होने की वजह से यहां पर काफी समस्या होती है.
बालू अड्डा का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ये भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव से पहले अवैध शराब के खिलाफ एक्शन में योगी सरकार, एक महीने में 1274 गिरफ्तार
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौपड़ के अधीक्षक वाईके सिंह ने बताया कि वहां 50 से अधिक स्वास्थ्य कर्मचारी, डॉक्टर, नर्स, आया, दाई, दांत के डॉक्टर हैं. अस्पताल में तीन बार साफ सफाई होती है. रोजाना ओपीडी में मरीज इलाज के लिए आते है. गंभीर मरीज को तुरंत भर्ती किया जाता है. उन्होंने बताया कि रोजाना ओपीडी में डेढ़ सौ मरीजों को देखा जाता है. जिनकी तबीयत ज्यादा खराब होती है उन्हें भर्ती कर इलाज किया जाता है. अच्छे खाने की व्यवस्था है. फिलहाल अस्पताल में एक प्रसूता भर्ती है.
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक भले ही साफ सफाई का दावा कर रहे हैं लेकिन स्वास्थ्य केंद्र के अंदर सफाई का नामों निशान नहीं है. अस्पताल का कूड़ा कचरा अस्पताल के पिछले हिस्से में एकजुट है. वहीं अस्पताल के बाथरूम में गंदगी दिखाई पड़ी. जब कोई अधिकारी या मंत्री स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण करने आते हैं तो पूरी अस्पताल को साफ कर दिया जाता है लेकिन आम दिनों में अस्पताल में कहने को तो तीन समय सफाई होती है लेकिन वह सफाई दिखाई नहीं देती.