लखनऊ: राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने लखनऊ के लोक भवन में मंगलवार को डॉ.भीमराव आम्बेडर सांस्कृतिक केंद्र का वर्चुअल शिलान्यास किया. इस अवसर पर उनकी पत्नी सविता कोविन्द, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डॉ. दिनेश शर्मा तथा योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ मुख्य सचिव आरके तिवारी व उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी भी थे.
इस दौरान उन्होंने कहा कि बाबा साहब भीम राव आंबेडकर ने सबकी भलाई का मंत्र दिया था. उसके बगैर सर्व समाज के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि मौजूदा सरकार इस दिशा में अच्छा काम कर रही है. राष्ट्रपति ने कहा कि 93 वर्ष पूर्व डॉक्टर आंबेडकर ने जो समतामूलक समाज के निर्माण की यात्रा शुरू की थी, उसी दिशा में आज यह सांस्कृतिक केंद्र स्थापित किया जा रहा है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि आंबेडकर का लखनऊ से खास सम्बंध रहा है. बाबा साहब लखनऊ बराबर आते थे. भदन्त विद्यानंद जी उनके गुरु थे. वह लखनऊ में ही रहते थे. केंद्र सरकार ने महू, नागपुर, दिल्ली, मुंबई और लन्दन में आंबेडकर से जुड़े स्थलों को विकसित किया है. केंद्र सरकार ने जिस यात्रा की शुरुआत की, उसको आगे बढ़ाते हुए इस सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना की जा रही है. इसके लिए सीएम योगी, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, दिनेश शर्मा, पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी समेत पूरी सरकार को साधुवाद दिया.
उन्होंने कहा कि बाबा आंबेडकर ने धर्म एवं अध्यात्म पर बहुत काम किया है. परिनिर्वाण से पहले ही उन्होंने महाराष्ट्र की एक सभा मे कहा कि भंडारा में चुनाव हारा या जीता यह महत्वपूर्ण नहीं है. महत्वपूर्ण यह है कि हमारे समाज के अलावा दूसरे समाज के लोगों ने भी वोट दिया. बाबा साहब ने महिलाओं को अधिकार दिलाने के लिए बहुत काम किया है. भगवान बुद्ध के विचारों का भारत पर गहरा प्रभाव है. डॉ आंबेडकर ने भगवान बुद्ध के विचारों के प्रचार पर बहुत काम किया है.
इससे पहले राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री नीलकंठ तिवारी ने भी अपने विचार रखे.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि बाबा साहब के ‘विजन’ में चार बातें सबसे महत्वपूर्ण रहीं हैं. ये चार बातें हैं - ‘नैतिकता’, ‘समता’, ‘आत्म-सम्मान’ और ‘भारतीयता’. इन चारों आदर्शों तथा जीवन मूल्यों की झलक बाबा साहब के चिंतन एवं कार्यों में दिखाई देती है. उन्होंने कहा कि डॉक्टर भीमराव आंबेडकर ने भगवान बुद्ध के विचारों को प्रसारित किया. उनके इस प्रयास के मूल में करुणा, बंधुता, अहिंसा, समता और पारस्परिक सम्मान जैसे भारतीय मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने का और सामाजिक न्याय के आदर्श को कार्यरूप देने का उनका उद्देश्य परिलक्षित होता है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि बाबा साहब के जीवन-मूल्यों और आदर्शों के अनुरूप समाज व राष्ट्र का निर्माण करने में ही हमारी वास्तविक सफलता है. इस दिशा में हमने प्रगति अवश्य की है लेकिन अभी हमें और आगे जाना है. उन्होंने कहा कि आज महिलाओं के संपत्ति पर उत्तराधिकार जैसे अनेक विषयों पर बाबा साहब द्वारा सुझाए गए मार्ग पर ही हमारी विधि-व्यवस्था आगे बढ़ रही है. इससे यह स्पष्ट होता है कि बाबा साहब की दूरदर्शी सोच अपने समय से बहुत आगे थी.