लखनऊ : राजधानी में सिख समुदाय ने श्री गुरु हरिकिशन साहिब महाराज का प्रकाश पर्व धूमधाम से मनाया. इस मौके पर गुरुद्वारे में शबद कीर्तन हुआ और गुरुजी के जीवन पर व्याख्यान हुआ. ऐतिहासिक गुरुद्वारा नाका हिण्डोला में रागी जत्था भाई राजिन्दर सिंह ने आसा की वार के अमृतमयी शबद कीर्तन कर संगत को निहाल कर दिया.
लखनऊ के ऐतिहासिक नाका हिंडोला गुरुद्वारा में बीते 4 दिनों से विशेष गुरमत समागम का आयोजन किया जा रहा था. जिसमें सिखों के आठवें गुरु श्री गुरु हरिकिशन साहिब महाराज का प्रकाश पर्व धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर विशेष गुरमत समागम के आखिरी दिन शिरोमणि सम्प्रदायी टकसाल, शहीद भाई मनी सिंह, अमृतसर पंजाब के 11वें मुखी बाबा मक्खन सिंह ने प्रभु के नाम की महिमा का बखान किया. उन्होंने कहा कि गुरु वाणी का फरमान है कि "सरब धर्म में श्रेष्ठ धर्म हर को नाम जप निर्मल कर्म". गुरु महाराज फरमान करते हैं कि सबसे श्रेष्ठ धर्म प्रभु के नाम का सिमरन करना है उसकी याद करना है और उसकी याद को हृदय में बसाना है. जिस ह्रदय में परमात्मा रहेगा परमात्मा की याद रहेगी उस हृदय में दया और करुणा रहेगी और जिस हृदय में दया और करुणा रहेगी वह संसार के लोगों की भलाई का काम करेगा. वह मनुष्य सदैव जनकल्याण के कार्यों में लगेगा. गुरु महाराज हम सब को उपदेश देते हैं कि हम सब प्रभु के सिमरन से जुड़ें प्रभु की याद से जुड़ें.
ये भी पढ़ें : सिंचाई विभाग में तबादलों के लेकर जांच शुरू, मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने की समीक्षा