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केजीएमयू में योग से ठीक किया जाएगा पोस्ट कोविड सिंड्रोम, जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ

विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत के मुताबिक गंभीर मरीजों पर दवाओं के साथ ही योग व ध्यान कारगर हो सकता है. इसके लिए रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग ने लखनऊ विश्वविद्यालय के योगिक साइंस विभाग से संपर्क साधा है.

केजीएमयू में योग से ठीक किया जाएगा पोस्ट कोविड सिंड्रोम
केजीएमयू में योग से ठीक किया जाएगा पोस्ट कोविड सिंड्रोम

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Published : Aug 4, 2021, 10:03 PM IST

लखनऊ :यूपी में कोरोना का प्रकोप चरम पर रहा है. लाखों मरीज वायरस की चपेट में आए. इसमें तमाम लोग वायरस को हरा भी चुके हैं. मगर, वह पोस्ट कोविड सिंड्रोम की चपेट में भी आ रहे हैं. ऐसे में केजीएमयू मरीजों के इस दुष्प्रभाव को योग से ठीक करने को लेकर पहल कर रहा है.

केजीएमयू के रेस्पेरेटरी विभाग में पोस्ट कोविड ओपीडी चल रही है. प्रत्येक मंगलवार को सुबह 9 से 12 बजे तक मरीजों को देखा जाता है. विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत के मुताबिक गंभीर मरीजों पर दवाओं के साथ ही योग व ध्यान कारगर हो सकता है. इसके लिए रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग ने लखनऊ विश्वविद्यालय के योगिक साइंस विभाग से संपर्क साधा है. अगले हफ्ते से पोस्ट कोविड ओपीडी में डॉक्टरों के साथ ही योग विशेषज्ञ भी सलाह देंगे. ओपीडी में आ रहे कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों में तमाम समस्याएं मिल रहीं हैं. सबसे ज्यादा लोग खांसी व सांस लेने की समस्या से पीड़ित बताए जा रहे हैं.

केजीएमयू में सस्ती होगी खून की जांच, मरीजों को होगा फायदा

लखनऊ :केजीएमयू में मरीजों के लिए स्वास्थ सेवाओं में वृद्धि की जा रही है. उनकी खून की जांच सस्ती हो सकती हैं. इसके लिए कंपनियों व अफसरों के बीच चर्चा हुई है. कार्यपरिषद की बैठक में इसे लेकर फैसला हो सकता है. संस्थान प्रशासन ने इसका खाका तैयार कर लिया है.

केजीएमयू में पैथोलॉजी जांच पीपीपी मॉडल पर हो रही हैं. अफसरों ने कंपनी से कीमतें घटवाने को लेकर प्लान तैयार कर लिया है. गुरुवार को केजीएमयू कार्यपरिषद की बैठक में यह मसला रखा जाएगा. मरीजों के हित में इसे मंजूरी मिलने की उम्मीद है.

आम दिनों में केजीएमयू की ओपीडी में रोजाना आठ से 10 हजार मरीज आते हैं, वहीं, संस्थान में 45 सौ बेड में से ज्यादातर भरे रहते हैं. इसमें से 80 फीसद मरीजों को खून की जांच लिखी जाती हैं.

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कुलपति डॉ. बिपिन पुरी के मुताबिक मरीजों को सस्ते दर पर इलाज मुहैया कराने की दिशा में यह एक प्रयास है. पैथोलॉजिकल जांच की कीमतों में कमी में लाने के लिए प्रस्ताव कार्यपरिषद में रखा जाएगा. करीब 10 फीसद तक कीमतों में कमी आएगी. केजीएमयू में 500 से अधिक प्रकार के पैथोलॉजी टेस्ट होते हैं.

एचआरएफ सिस्टम होगा मजबूत

संस्थान में दवाओं के लिए मरीजों को भटकना नहीं होगा. इसके लिए एचआरएफ सिस्टम मजबूत किया जाएगा. कैशलेस योजना से इलाज कराने वाले मरीजों को सभी दवाएं व उपकरण एचआरएफ काउंटर से मिलेंगी.

रोगियों को मिलने वाली नि:शुल्क सुविधा व दवाओं की सूची हर विभाग को अलग से उपलब्ध कराने का प्रस्ताव रखा गया है. वहीं, मरीज के पर्चे के साथ ही उसकी फाइल सुरक्षित रखने की व्यवस्था शुरू होगी. यह व्यवस्था वैकल्पिक होगी. इसके लिए मरीज को 50 रुपये फीस देनी होगी.

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