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ह्यूमन ट्रैफिकिंग: 14 से 16 साल की लड़कियों को बनाते थे टारगेट, सरगना की तलाश जारी - लखनऊ समाचार

यूपी की राजधानी लखनऊ में बीते दिनों लड़कियों की तस्करी के मामले में दो महिलाओं समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें शुक्रवार को कोर्ट ने जेल भेज दिया. वहीं गैंग के सरगना की तलाश में पुलिस की एक टीम दिल्ली रवाना हो गई है.

लखनऊ थाना गोमतीनगर
लखनऊ थाना गोमतीनगर

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Published : Jun 12, 2021, 5:51 AM IST

लखनऊ:जिले के गोमतीनगर इलाके में मानव तस्करी में पकड़े गए गैंग के लोगों का नेटवर्क देश के कई राज्यों में फैला है. गैंग के सदस्य 14 से 16 साल की लड़कियों को अपना साफ्ट टारगेट बनाते थे. लड़कियों को असम से मंगाया जाता था. गरीब और कमजोर घर की लड़कियों को ही निशाना बनाया जाता था. लड़कियां ट्रेन से दिल्ली पहुंचती थीं, वहां उन्हें होटलों में रोका जाता था. फिर ग्राहकों को फोटो भेजकर उनसे रेट तय किए जाते थे. एक से डेढ़ लाख में लड़कियों को बेचा जाता था.

आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा जेल
लड़कियों को यूपी के अलावा दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, छत्तीसगढ़़, राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा और कई अन्य राज्यों में बेचा जाता था. पुलिस के मुताबिक, शुक्रवार को गोमतीनगर पुलिस ने मामले में गिरफ्तार दो महिलाओं समेत पांच लोगों को कोर्ट में पेश किया, जहां सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. वहीं, गैंग के सरगना कुलदीप निवासी दिल्ली की तलाश में पुलिस की एक टीम दिल्ली रवाना कर दी गई है. लखनऊ के संभावित ठिकानों पर भी दबिश दी गई है. पुलिस गिरफ्तार आरोपितों के पास से बरामद मोबाइल से उनका नेटवर्क खंगाल रही है.

असम से लाई जाती थीं लड़कियां
एडीसीपी पूर्वी सैय्यद मुहम्मद कासिब आब्दी ने बताया कि गिरोह के गिरफ्तार सदस्य सनी गुप्ता, फैजुद्दीन व उसकी पत्नी के अलावा एक अन्य महिला और बरेली निवासी राहुल पकड़े जा चुके हैं. सरगना कुलदीप की तलाश में पुलिस की टीमें दबिश दे रही हैं. कुलदीप व फैजुद्दीन के माध्यम से ही लड़कियों को असम से मंगाता था.

गरीब परिवारों की लड़कियों को नौकरी का झांसा देकर लाता था साथ
पुलिस के मुताबिक, गिरोह का सदस्य फैजुद्दीन असम का रहने वाला है. बरामद दोनों लड़कियां असम की रहने वाली हैं. फैजुद्दीन वहां के गरीब परिवारों में जाता था और लड़कियों के परिवारीजनों को गुमराह करता था. लड़कियों को दिल्ली, यूपी समेत अन्य प्रांतों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर अपने साथ ले आता था.

परिवार को बताता था कि सभी को नौकरी के साथ रहना और खाने के साथ 15-20 हजार रुपये हर माह घर भी भेजे जाएंगे. गरीबी से लाचार घर वाले लालच में आकर लड़कियों को भेज देते थे.
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