लखनऊ: पॉक्सो के विशेष जज अरविन्द मिश्र ने कक्षा 12 की छात्रा से दुराचार करने और उसका गर्भपात कराने के मामले में अभियुक्त केंद्रीय विद्यालय के शिक्षक आरसी तिवारी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. वर्ष 2015 से अभियुक्त आरसी तिवारी इस मामले में जेल में निरुद्ध था.
इस मामले में अभियुक्त की पत्नी अनीता तिवारी के साथ ही डॉ. विजय श्री और डॉ. अक्शा सिद्दीकी भी आरोपी थे. इनके खिलाफ बिना सहमति के गर्भपात कराने, साक्ष्य मिटाने और धोखाधड़ी आदि का आरोप था. विशेष अदालत ने साक्ष्य के अभाव में इन्हें भी बरी कर दिया.
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विशेष जज ने अपने आदेश में कहा है कि अभियोजन पक्ष आरोपियों पर लगाए गए आरोपों को सिद्ध करने में असफल रहा है. वर्ष 2015 में इस मामले की एफआईआर थाना गोमती नगर में दर्ज कराई गई थी. 18 अप्रैल को विशेष अदालत ने यह फैसला सुरक्षित किया था.
बिजली की पुरानी व्यवस्था बहाल होने तक न्यायिक कार्य नहीं करेंगे वकील
लखनऊ जिला अदालत (Lucknow District Court) परिसर में बिजली की पुरानी व्यवस्था बहाल करने की मांग वकील कर रहे हैं. सेंट्रल बार एसोसिएशन (Central Bar Association) के वकील 27 अप्रैल से न्यायिक काम नहीं करेंग. बुधवार को इस मसले पर अध्यक्ष सुनील कुमार द्विवेदी की अध्यक्षता और महासचिव ब्रजेश कुमार यादव के संचालन में सीबीए की बैठक हुई.
इसमें सर्वसम्मति से यह फैसला किया गया कि जब तक बिजली की पुरानी व्यवस्था बहाल नहीं होती, तब तक सीबीए के समस्त वकील न्यायिक काम नहीं करेंगे. इस आशय की जानकारी सीबीए के संयुक्त सचिव सुरेंद्र कुमार मौर्या ने दी.
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