उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / city

मोम की तरह पिघल गईं एलडीए की अवैध निर्माण पर लगाई गईं सील, दोबारा रहने लगे लोग - मोबाइल ऐप दृष्टि

लखनऊ के जियामऊ में करीब चार साल पहले हाईकोर्ट के आदेश पर सील की जा चुकी चार बिल्डिंगों को ध्वस्त किया गया था. मगर यह दिखावे का डिमोलेशन किया गया था. यह ज्यादा दिन तक नहीं चल सका. इन दिनों इन बिल्डिंगों में लोग रहने लगे हैं.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Aug 26, 2022, 6:42 PM IST

लखनऊ : एलडीए ने पिछले चार साल में 4000 अवैध निर्माण पर रोक लगाने के लिए सीलिंग की कार्रवाई की, लेकिन इनमें से अधिकांश इमारतों से सील तोड़कर निर्माण दोबारा शुरू कर दिया गया. अधिकांश में कब्जा लेकर काम भी शुरू कर दिया गया. अब लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) ने मोबाइल ऐप दृष्टि के जरिए सील बिल्डिंगों पर नजर रखने की तैयारी की है. इसके अलावा एलडीए का दावा है कि आने वाले दिनों में हर जोन में अलग-अलग प्रवर्तन दल दौड़ेगा. जिसके पास बोलेरो गाड़ी और अलग से फोर्स होगी जो कि अवैध निर्माण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा.


लखनऊ के जियामऊ में करीब चार साल पहले हाईकोर्ट के आदेश पर सील की जा चुकी चार बिल्डिंगों को ध्वस्त किया गया था. मगर यह दिखावे का डिमोलेशन किया गया था. यह ज्यादा दिन तक नहीं चल सका. इन दिनों इन बिल्डिंगों में लोग रहने लगे हैं. लगातार नए निर्माण हो रहे हैं. जियामऊ का यह मामला तो एक बानगी भर है. राजधानी में इसी तरह से हजारों की संख्या में सील बिल्डिंगों में निर्माण पूरा कराकर लोग रहने भी लगे हैं. अलीगंज, चारबाग, हजरतगंज, महानगर, निशातगंज, गोमती नगर, कानपुर रोड, शारदा नगर, रायबरेली रोड, सुल्तानपुर रोड, फैजाबाद रोड, कोई ऐसी सड़क नहीं है जहां एलडीए बिल्डिंग सील ना करता हो और दोबारा निर्माण ना होता हो. खुद के आंकड़ों में यह बात सामने आई है. इसके बाद में सील बिल्डिंगों की निगरानी के लिए अलग व्यवस्था शुरू करने का ऐलान भी किया गया है.

जानकारी देते संवाददाता ऋषि मिश्र
अवैध निर्माण पर लगाई गईं सील
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी

यह भी पढ़ें : पर्यटन विभाग के 15 बंगलों और होटलों में अब ठहर सकेंगे सैलानी

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने इस बारे में बताया कि बहुत जल्दी हमारा मोबाइल एप्लीकेशन दृष्टि शुरू होने जा रहा है. लोकेशन वाइज डाटा रखा जाएगा. यहां पर अवैध निर्माण होने की दशा में सब कुछ जानकारी हो जाएगी. समय-समय पर संबंधित अधिकारियों और अभियंताओं को उस पर अपडेट करना होगा. इसके अलावा हम सभी प्रवर्तन जोन में सचल दस्ते शुरू करने जा रहे हैं. जिनको बोलेरो गाड़ी साथ में एक अनाउंसमेंट सिस्टम दिया जाएगा. लोग जब बिल्डिंग को सील करेंगे उसके बाद वहां पर पेंट से एक नंबर भी दर्ज किया जाएगा. जिसके जरिए लोग निर्माण होने की दशा में सूचना दे सकेंगे. इसके बाद में उम्मीद करते हैं कि बिल्डिंगों में अवैध निर्माण नहीं होगा.

यह भी पढ़ें : सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी की अग्रिम जमानत पर फैसला सुरक्षित

ABOUT THE AUTHOR

...view details