लखनऊ : एलडीए ने पिछले चार साल में 4000 अवैध निर्माण पर रोक लगाने के लिए सीलिंग की कार्रवाई की, लेकिन इनमें से अधिकांश इमारतों से सील तोड़कर निर्माण दोबारा शुरू कर दिया गया. अधिकांश में कब्जा लेकर काम भी शुरू कर दिया गया. अब लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) ने मोबाइल ऐप दृष्टि के जरिए सील बिल्डिंगों पर नजर रखने की तैयारी की है. इसके अलावा एलडीए का दावा है कि आने वाले दिनों में हर जोन में अलग-अलग प्रवर्तन दल दौड़ेगा. जिसके पास बोलेरो गाड़ी और अलग से फोर्स होगी जो कि अवैध निर्माण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा.
लखनऊ के जियामऊ में करीब चार साल पहले हाईकोर्ट के आदेश पर सील की जा चुकी चार बिल्डिंगों को ध्वस्त किया गया था. मगर यह दिखावे का डिमोलेशन किया गया था. यह ज्यादा दिन तक नहीं चल सका. इन दिनों इन बिल्डिंगों में लोग रहने लगे हैं. लगातार नए निर्माण हो रहे हैं. जियामऊ का यह मामला तो एक बानगी भर है. राजधानी में इसी तरह से हजारों की संख्या में सील बिल्डिंगों में निर्माण पूरा कराकर लोग रहने भी लगे हैं. अलीगंज, चारबाग, हजरतगंज, महानगर, निशातगंज, गोमती नगर, कानपुर रोड, शारदा नगर, रायबरेली रोड, सुल्तानपुर रोड, फैजाबाद रोड, कोई ऐसी सड़क नहीं है जहां एलडीए बिल्डिंग सील ना करता हो और दोबारा निर्माण ना होता हो. खुद के आंकड़ों में यह बात सामने आई है. इसके बाद में सील बिल्डिंगों की निगरानी के लिए अलग व्यवस्था शुरू करने का ऐलान भी किया गया है.