लखनऊःउत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) से पहले प्रदेश में एक के बाद एक सियासी समीकरण बन और बिगड़ते नज़र आ रहे हैं. कई छोटी पार्टियां एक दूसरे से मिलकर तीसरा मोर्चा बनाने में जुटी हैं. वहीं, उत्तर प्रदेश की 150 सीटों पर 30 फीसदी मुस्लिम मतदाताओं को जोड़ने के लिए मुस्लिम हितैषी होने का दावा करने वाली पार्टियां भी एक दूसरे के साथ आ सकती है, जिससे समाज के वोट का बिखराव कम हो. पिछले चुनाव में सपा के साथ गई डॉक्टर अय्यूब की पीस पार्टी इस बार ओवैसी के साथ गठजोड़ की कोशिश में लगी है.
पीस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शादाब चौहान ने कहा कि अल्लाह का हुक्म है कि मोमिन भाई है और अपने भाई की मदद करो. लिहाजा जो सेक्युलर ताकतें हम लोग को पॉलिटिकल रिप्रसेंटेशन नहीं देना चाहती है उनको बेनकाब करें और मिलकर एक राजनीतिक विकल्प के रूप में सामने आए. शादाब चौहान ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता चाहती है कि पीस पार्टी और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुसलमीन (AIMIM) मिलकर चुनाव लड़ें. उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष डाक्टर अय्यूब ने साफ कह दिया है कि हम सोशित, वंचित और मोमिन के साथ मिलकर एक साथ आने के लिए तैयार हैं.