लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी के दांव ने आरएलडी खेमे में घबराहट पैदा कर दी है. आरएलडी के नेताओं को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पार्टी का किला ढह जाने का डर सताने लगा है. दरअसल, राष्ट्रीय लोकदल की पूरी राजनीति पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ही केंद्रित है और भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश से ही ताल्लुक रखने वाले चौधरी भूपेंद्र सिंह को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है. ऐसे में 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी में अभी से जुटी राष्ट्रीय लोक दल पार्टी को बीजेपी के इस कदम से वेस्टर्न यूपी के अपने वोटर्स के खसकने का भी भय है. हालांकि आरएलडी नेता यह मानने को तैयार नहीं हैं कि भारतीय जनता पार्टी के भूपेंद्र सिंह को अध्यक्ष बना देने से रालोद का कोई नुकसान होगा. 2024 में रालोद अच्छी तादाद में सीटें जीतने में कामयाब होंगे.
राष्ट्रीय लोकदल ने 2022 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर लड़ा था. 33 सीटों पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पार्टी ने प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से आठ उम्मीदवार जीतने में कामयाब भी हुए थे. इसके बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह समाजवादी पार्टी के सहयोग से राज्यसभा सांसद बनने में भी कामयाब हुए. इससे पार्टी की स्थिति काफी मजबूत हो गई. पार्टी ने 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर दी. पार्टी के नेता उम्मीद जताने लगे कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव पार्टी अच्छे से लड़ेगी और जीतेगी, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने एक ऐसा दांव खेला जो राष्ट्रीय लोक दल के लिए दिक्कत पैदा कर सकता है. भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से ताल्लुक रखने वाले जाट नेता चौधरी भूपेंद्र सिंह को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट समुदाय में चौधरी भूपेंद्र सिंह की अच्छी पकड़ है. उनके कद का अंदाजा भी इस बात से लगाया जा सकता है कि योगी सरकार के पहले कार्यकाल में भी कैबिनेट मंत्री थे और इस बार भी वह कैबिनेट मंत्री हैं. बीजेपी को पूरी उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव में जाट समुदाय भारतीय जनता पार्टी को समर्थन देगा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कमल का फूल खिलाने में सफलता प्राप्त होगी.