लखनऊ: राजधानी के महिला अस्पतालों की स्थिति चिंताजनक है. क्वीन मेरी महिला अस्पताल की डॉक्टर्स इन दिनों समर वेकेशन पर हैं. गर्मी के मौसम में और खासकर मई जून के महीने में गर्भवती महिलाओं को खास दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. जिसके कारण इस मौसम में अस्पताल की ओपीडी में जमकर भीड़ रहती है.
रोजाना ओपीडी में 200 से 300 के बीच गर्भवती महिलाएं आ रही हैं. कोई अल्ट्रासाउंड तो कोई डॉक्टर से परामर्श के लिए पहुंच रही हैं. अस्पताल की ज्यादातर डॉक्टर्स इस समय छुट्टी पर चल रही हैं. वहीं 300 मरीजों की ओपीडी के लिए सिर्फ एक डॉक्टर ही मौजूद है. जरूरत पड़ने पर वही डॉक्टर ओटी में जा रही हैं. डॉक्टरों की अनुपस्थिति में इस समय मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स अस्पताल की ओपीडी संभाल रहे हैं.
बढ़ी मरीजों की संख्या: संवाददाता ने क्वीन मेरी महिला अस्पताल की वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ डॉ सीमा मल्होत्रा को फोन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि "वह ओटी में हैं. अस्पताल की सभी डॉक्टर्स इस समय समर वेकेशन पर हैं. वह ओपीडी के साथ-साथ इमरजेंसी में भी ओटी संभाल रही हैं." उन्होंने बताया कि अस्पताल में इस समय महिला मरीज ज्यादा आ रही हैं और डॉक्टर छुट्टी पर हैं. जिसकी वजह से मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स को ओटी में लगाया गया है. इससे उन्हें एक ट्रेनिंग मिलेगी. साथ ही डॉक्टर्स के नहीं रहने पर अस्पताल में दिखाने आई गर्भवतियों को इलाज भी मिलेगा. भविष्य में उन्हें ही जिम्मेदारी संभालनी है.
डॉक्टर से नहीं मिल पाई महिला मरीज: राजाजीपुरम से आई पूनम श्रीवास्तव ने बताया कि बीते महीने चेकअप के लिए नहीं आ पाई थी. इस वजह से इस महीने मैं आई हूं, लेकिन ओपीडी में जिन डॉक्टर को दिखा रही हूं वह मौजूद नहीं हैं. पता किया तो कर्मचारियों ने बताया कि वह इस समय छुट्टी पर हैं, इसलिए बिना दिखाये ही वापस जाना पड़ेगा. ओपीडी में ट्रेनिंग कर रहे स्टूडेंट्स बैठे हैं, इसलिए उनसे कंसल्ट नहीं किया. अलीगंज से क्वीन मेरी अस्पताल में दिखाने आई मुस्कान द्विवेदी ने बताया कि दो घंटे से अस्पताल हूं. अस्पताल में कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं है. किससे संपर्क करें कुछ समझ नहीं आ रहा है. हर महीने जांच कराने के लिए आते हैं, लेकिन पता नहीं था कि इस समय सभी डॉक्टर्स छुट्टी पर हैं. फिलहाल ओपीडी में ही कुछ ट्रेनिंग कर रहीं छात्राएं मौजूद थीं. उन्होंने रिपोर्ट देखी और कुछ दवाएं लिखी हैं, लेकिन डॉक्टर होती तो ज्यादा अच्छे से रिपोर्ट को देखकर बता पाती.
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