लखनऊ: केंद्रीय रक्षामंत्री और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह का ड्रीम प्रोजेक्ट और भविष्य में राजधानी की लाइफ लाइन बनने वाला आउटर रिंग रोड प्रोजेक्ट कछुए की रफ्तार से चल रहा है. पिछले करीब साढ़े छह साल में केवल 65 किलोमीटर ही यह रिंग रोड बन सका है. जिसमें केवल 26 किलोमीटर पर वाहन दौड़ रहे हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने खुद ही इस प्रोजेक्ट की धीमी गति पर नाराजगी जाहिर करते हुए एनएचएआई के अफसरों को कड़ी लताड़ लगाई है. जबकि देरी की वजह से इस योजना का बजट भी करीब 10 फीसदी तक बढ़ चुका है. इस प्रोजेक्ट के शुरू हो जाने के बाद लखनऊ में रोजाना करीब एक लाख वाहन कम हो जाएंगे. यह वाहन लखनऊ से करीब 15 किलोमीटर पहले ही सीमा से बाहर निकल जाएंगे.
आउटर रिंग रोड प्रोजेक्ट साल 2016 में शुरू किया गया था. तय था कि 2022 तक इसका निर्माण पूरा हो जाएगा. 104 किलोमीटर के इस प्रोजेक्ट के लिए 5000 करोड़ रुपए का बजट तय था. यह आउटर रिंग रोड अयोध्या रोड से शुरू होकर कुर्सी रोड, सीतापुर रोड, हरदोई रोड, कानपुर रोड, रायबरेली रोड, सुल्तानपुर रोड से होते हुए वापस अयोध्या रोड में मिलेगा. इसके साथ ही लखनऊ में देश के किसी भी कोने से आने वाले वाहन अगर किसी दूसरे जिले में जा रहे होंगे. तो उनको लखनऊ शहर के भीतर आने की कोई आवश्यकता नहीं है. वे शहर से करीब 15 किलोमीटर दूर ही इस आउटर रिंग रोड के सहारे अपने गंतव्य की ओर बड़ी आसानी से पहुंच जाएंगे.
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