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किडनी के मरीजों में तीस फीसदी की बढ़ोत्तरी, दर्द की दवा डाल रही बुरा असर - kidney problems

बलरामपुर अस्पताल (Balrampur Hospital) के नेफ्रोलॉजी विभाग के वरिष्ठ डॉ. एएन उस्मानी ने बताया कि इस समय अस्पताल में किडनी की समस्या (kidney problems) से परेशान मरीज अधिक आ रहे हैं. बहुत से ऐसे मरीज भी आ रहे हैं जिन्हें डायलिसिस (dialysis) की जरूरत है.

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Published : Sep 12, 2022, 1:33 PM IST

लखनऊ : कोरोना के बाद पहले जैसा स्वास्थ्य लोगों का नहीं रह गया है. आए दिन लोग किसी न किसी बीमारी से पीड़ित रहते हैं. इस समय किडनी के मरीजों की संख्या बढ़ गई है. अत्यधिक दवाओं का सेवन भी मरीजों की किडनी पर असर डाल रहा है. इन दिनों अस्पताल की ओपीडी के अलावा भी गंभीर मरीज रविवार को इमरजेंसी में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. किडनी समस्या से जूझ रहे मरीजों में इस समय युवाओं की संख्या भी अधिक है. कम उम्र के लोग भी किडनी की समस्या से प्रभावित हैं.



बलरामपुर अस्पताल (Balrampur Hospital) के नेफ्रोलॉजी विभाग के वरिष्ठ डॉ. एएन उस्मानी ने बताया कि इस समय अस्पताल में किडनी की समस्या (kidney problems) से परेशान मरीज अधिक आ रहे हैं. बहुत से ऐसे मरीज भी आ रहे हैं, जिन्हें डायलिसिस (dialysis) की जरूरत है. अस्पताल उन्हें प्राथमिक इलाज दे रहा है. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में कोरोना के बाद से मरीजों की संख्या में 30 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है. कोरोना से पहले केवल 10 फ़ीसदी ही किडनी के मरीज थे. कोरोना ने पहले ही लोगों की इम्युनिटी पर दुष्प्रभाव छोड़ा है. अब इतनी मजबूत इम्यूनिटी नहीं रह गई है. किसी को सांस लेने में समस्या हो रही है तो किसी की किडनी खराब हो रही है. बेहद जरूरी है कि ऐसे में मरीज अपना ख्याल रखें. मरीज समय-समय पर डायलिसिस (dialysis) जरूर कराएं. उन्होंने बताया कि सोमवार से शनिवार तक रोजाना 20 मरीज डायलिसिस के आते हैं. युवाओं की संख्या भी अब बढ़ गई है. किडनी में स्टोन का होना आम बात हो गई है, हालांकि सही तरीके और सही देखभाल से इसे सही किया जा सकता है.

बातचीत करतीं संवाददाता अपर्णा शुक्ला

कम खाएं दवाई : डॉ. उस्मानी ने बताया कि आमतौर पर पहले की तरह जीवन शैली नहीं रह गई है. युवा जरा सा भी दर्द बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं. अगर उनके हाथ, पैर या सिर में जरा सा दर्द होता है तो वह तुरंत दवा खा लेते हैं. दर्द की दवा (Pain relief medicine) मरीज के मस्तिक व किडनी पर भी अपना प्रभाव छोड़ती है. जितना हो सके आप नेचुरल रहें. अगर आपके शरीर में कहीं दर्द हो रहा है तो तुरंत दवाई न खाकर थोड़ा बर्दाश्त करें. अत्यधिक दर्द होने पर डॉक्टर से परामर्श लें. बिना डॉक्टर के परामर्श के कोई भी दवा का सेवन न करें. इस दौरान उन्होंने बताया कि अपने जीवन शैली में थोड़ा बदलाव करें सुबह योगा और व्यायाम करें. सुबह मॉर्निंग वॉक करें. खानपान में हेल्दी चीजें लें. ताजा फलों का सेवन करें, सबसे महत्वपूर्ण बात तीन से चार लीटर पानी जरूर पिएं.


सिविल अस्पताल में भी बढ़े मरीज :हजरतगंज स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में इन दिनों किडनी से पीड़ित मरीज भारी संख्या में पहुंच रहे हैं. बहुत सारे ऐसे मरीज भी हैं जो इमरजेंसी में भी तुरंत इलाज के लिए आ रहे हैं. किडनी की समस्या एक गंभीर बीमारी है. वर्तमान समय में कोरोना के बाद से लोगों की इम्युनिटी पहले जितनी मजबूत नहीं रह गई है. यही कारण है कि कोई न कोई बीमारी इस समय उन्हें अपनी चपेट में ले रही है.

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अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरपी सिंह बताते हैं कि इस समय मरीजों की संख्या बढ़ गई है बहुत सारे मरीज किडनी की समस्या से परेशान हैं. रोजाना अस्पताल में 200 से अधिक मरीज नेफ्रो विभाग में दिखाने के लिए आ रहे हैं. अस्पताल की ओपीडी रविवार को बंद रहती है. इस कारण रविवार को इमरजेंसी में मरीज आते हैं. उन्हें प्राथमिक इलाज दिया जाता है इसके बाद सोमवार को उनका पूरा ट्रीटमेंट होता है.

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