लखनऊ:यूपी में कोरोना का प्रकोप कायम है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से मरीजों की संख्या में कमी आई है. इसका एक कारण टेस्ट की तादाद में आई गिरावट भी है.यूपी में कोरोना टेस्ट की संख्या घट गई है. अब 24 घंटे में एक लाख से कम जांच की जा रही है. ऐसे में मरीजों का ग्राफ भी लुढ़कने लगा है. प्रदेश में बुधवार सुबह 76 नए केस रिपोर्ट किए गए है. फाइनल रिपोर्ट दोपहर बाद आएगी.
प्रदेश में मंगलवार को 24 घंटे में 70 हजार से अधिक टेस्ट किए गए. इसमें 129 केस मिले. सर्वाधिक केस नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ और मेरठ में रिपोर्ट किए गए. इस दौरान 202 मरीज स्वस्थ्य होने पर डिस्चार्ज किए गए.
राज्य में पांच दिन से कोरोना केस में कमी आ रही है। इसमें 12 मई को 207 केस, 13 मई को 175 केस, 14 मई को 158 केस, 15 मई को 146 केस, 16 मई 138, 17 मई 129 केस रिकॉर्ड किये गए. यूपी में देश में सर्वाधिक 11 करोड़ 30 लाख से अधिक टेस्ट किए गए. एक व्यक्ति के पॉजिटिव आने पर 53.2 लोगों की जांच की जा रही है. यह डब्ल्यूएचओ के मानक से अधिक हैं.
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इस दौरान केजीएमयू, एसजीपीजीआई, बीएचयू, सीडीआरआई की लैब के अलावा गोरखपुर, झांसी व मेरठ में जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट शुरू करने के निर्देश हैं. दूसरी लहर में सिर्फ दो डेल्टा प्लस के केस रहे. वहीं 90 फीसद से ज्यादा डेल्टा वैरिएंट ही पाया गया. अब तीसरी लहर में 90 फीसद ओमिक्रोन वैरिएंट पाया गया है. 17 जनवरी को दैनिक संक्रमण दर 7.11 फीसद, 19 जनवरी को सबसे अधिक 7.78 फीसद थी, जो अप्रैल शुरू में घटकर 0.1 फीसद पर आ गई. अब संक्रमण दर 2 फीसद हो गई है. वहीं रिकवरी रेट 98.8 फीसद है.
डेंगू टेस्ट की अब 70 लैब
राज्य में डेंगू की जांच के लिए 56 लैब संचालित थीं. अब 14 और लैब तैयार हो गई हैं. ऐसे में टेस्टिंग लैब की संख्या बढ़कर 70 हो गई है. इसके साथ ही अगले वर्ष तक लैब की संख्या बढ़ाकर 88 की जानी है.
अब तक 359 ओमिक्रोन के मरीज
17 दिसम्बर को गाजियाबाद में दो मरीजों में ओमिक्रोन की पुष्टि हुई है. यह मरिज महाराष्ट्र से आये थे. वहीं, 25 दिसम्बर को रायबरेली की महिला में ओमिक्रोन वैरिएंट पाया गया. यह महिला अमेरिका से आई थी. चार जनवरी को 23 मरीज मिले. अब तक कुल 526 सैम्पल की जीन सीक्वेंसिंग की गई. इसमें 359 ओमिक्रोन के मरीज पाए गए हैं.
एक्टिव केस अब 1024
राज्य में जनवरी शुरुआत में तीसरी लहर पीक पर थी. इस दौरान एक लाख 16 हजार 366 एक्टिव केस थे. वहीं, अब 1024 एक्टिव केस रह गए हैं.अस्पतालों में 551 ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो गए हैं. इनके संचालन के लिए आईटीआई पास कर्मी तैनात किए जा रहे हैं.वहीं, 56 हजार से अधिक आईसोलेशन बेड, 18 हजार आईसीयू बेड, 6700 पीकू-नीकू बेड तैयार हो गए हैं. 30 हजार ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर अस्पतालों को दिए गए.
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