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लखनऊ नगर निगम सदन में परिवारवाद हावी, 70 फीसदी सीटों पर परिवारों का कब्जा - लखनऊ नगर निगम सदन

लखनऊ नगर निगम सदन में परिवारवाद हावी है. सदन की 110 में करीब 70 फीसदी सीटों पर इन परिवारों कब्जा हैं. कुछ बड़े नेताओं के संरक्षण में यह परिवारवाद पनप रहा है. इनमें कई ऐसे हैं, जो बीते 20 से 25 सालों से अपने वार्ड में राज कर रहे हैं.

nagar nigam lucknow
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Published : Jul 15, 2021, 9:20 AM IST

Updated : Jul 15, 2021, 9:57 AM IST

लखनऊ: राजनीतिक दल चाहे भाजपा हो, कांग्रेस हो या समाजवादी पार्टी, कोई भी इन परिवारों के छूने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा. आलम यह है कि महिला सीट होने पर परिवार की महिला चुनाव लड़ती है और सामान्य सीट पर पुरुष. कुछ लोग तो ऐसे भी हैं, जो सीट आरक्षित होने पर नाम बदलकर भी चुनाव लड़ जाते हैं.

लखनऊ नगर निगम सदन में बढ़ रहा परिवारवाद

लखनऊ नगर निगम में वर्तमान में 110 वार्ड हैं. इनमें समाजवादी पार्टी के पास 28 सीटें हैं. कांग्रेस के पास आठ सीट हैं. निर्दलीय उम्मीदवारों के पास में 14 सीटें है. जबकि भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है. उसके पास 60 सीटें हैं. इनमें 60 से 70% सीटें ऐसी हैं, जिनमें चुनाव का वर्ष और पार्टी का नाम ही बदला था. यह सीटें पिछले कई वर्षों से कुछ गिने-चुने परिवारों के खाते में जा रही हैं. चुनाव चाहे पति लड़े या पत्नी, मां या बेटी लेकिन टिकट इन गिने-चुने परिवारों में ही बांटा जाता है. इस मामले में लगभग सभी दलों की स्थिति एक जैसी है.

लखनऊ नगर निगम सदन का यह परिवारवाद काफी गहरा है. जानकारों की मानें तो यह सारा खेल कुछ बड़े नेताओं के इशारों पर चल रहा है. इस परिवारवाद को इन नेताओं का पूरा संरक्षण प्राप्त है. असल में, क्षेत्रीय स्तर पर अपनी जमीन को बनाए रखने के लिए यह बड़े नेता इसे और भी बढ़ावा दे रहे हैं. हालत यह है कि अपने लोगों को टिकट दिलवाने के चक्कर में कई बार यह आमने-सामने तक आ जाते हैं. हालांकि, इसका खामियाजा इस क्षेत्र में कदम रखने का सपना देख रहे नए लोगों को भुगतना पड़ रहा है.

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गहरी हो रहीं परिवारवाद की जड़ें:

  • राजीव गांधी वार्ड- भाजपा के टिकट पर अरुण कुमार तिवारी को पार्षद चुना गया है. वर्ष 2012 के चुनाव में यह महिला सीट थी. तब उनकी पत्नी मधु तिवारी को टिकट दिया गया और उन्होंने पार्षद की जिम्मेदारी संभाली थी.
  • कॉल्विन कॉलेज-निशांतगंज वार्ड- वर्तमान में यह महिला सीट है. इस पर भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ने वाली विनीता सिंह पार्षद हैं. 2012 में प्रमोद सिंह यानी उनके पति भाजपा के टिकट पर पार्षद चुने गए थे.
  • आलम नगर वार्ड- वर्तमान में भाजपा नेता नागेंद्र सिंह की पत्नी रेखा सिंह इस सीट से पार्षद है. 2012 में भाजपा के टिकट पर नागेंद्र सिंह यहां से पार्षद चुने गए थे.
  • मैथिलीशरण वार्ड- वर्तमान में दिलीप कुमार श्रीवास्तव भाजपा के टिकट पर पार्षद चुने गए हैं. वर्ष 2012 में उनकी मां सरोज श्रीवास्तव भाजपा के टिकट पर यहां से पार्षद थीं.
  • यहियागंज वार्ड- वर्तमान में भाजपा के रजनीश कुमार गुप्ता पार्षद है. 2012 में भी यही पार्षद थे.
  • मनकामेश्वर वार्ड-यहांकी सीट 2017 में महिला सीट घोषित कर दी गई. यहां से भाजपा के टिकट पर रेखा रोशनी पार्षद चुनी गई. इससे पहले इनके पति रंजीत सिंह इस सीट से पार्षद थे.
  • सरदार पटेल नगर वार्ड-इस सीट से गिरीश कुमार मिश्रा पार्षद हैं. इन्होंने कांग्रेस के टिकट पर यह जीत हासिल की. पूर्व में भी इन्हें कांग्रेस के टिकट पर इसी सीट से विजय मिल चुकी है.
  • कन्हैया माधवपुर वार्ड- यह सीट वर्तमान में समाजवादी पार्टी के पास में है.
  • जगदीश चंद्र बोस वार्ड- वर्तमान में इस सीट से समाजवादी पार्टी के सैयद यावर हुसैन रेशू को पार्षद चुना गया. इससे पहले भी रिशू इस सीट से पार्षद रहे हैं. लेकिन तब उन्होंने यह चुनाव निर्दलीय लड़ा था.
  • राजीव गांधी वार्ड प्रथम- 2012 में यह महिला सीट थी. तब भाजपा के टिकट पर स्नेह लता सिंह को पार्षद चुना गया. 2017 में स्नेह लता सिंह के पति संजय सिंह भाजपा के टिकट पर यहां से चुनाव लड़े और उन्होंने जीत हासिल की.
  • त्रिवेणी नगर वार्ड-यहां भाजपा के देव शर्मा मिश्रा पार्षद हैं. वर्ष 2012 में यह महिला सीट थी और उनकी पत्नी अनुराधा पार्षद चुनी गई थीं.
  • पेपर मिल कॉलोनी- वर्ष 2012 के चुनाव में यह महिला सीट थी. तब दीपांजलि सिंह को भाजपा के टिकट पर यहां से पार्षद चुना गया था. वर्तमान में उनके पति राजेश सिंह यहां के पार्षद हैं.
Last Updated : Jul 15, 2021, 9:57 AM IST

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