लखनऊः नगर निगम हमेशा से अपने अड़ियल और मनमाने रवैये को लेकर सवालों के घेरों में रहा है. इस बार मामला हाउस टैक्स वसूली की जानकारी देने का है. निगम यहां भी लापरवाही बरतते हुए अपनी मनमानी कर रहा है. निदेशालय के अनुसार नगर निगम दिए गए लक्ष्य के मुताबिक टैक्स नहीं वसूल रहा है. यह हाल तब है जब स्थानीय निकाय निदेशालय ने हाउस टैक्स वसूली के संबंध में संपूर्ण ब्यौरा रखने के लिए एमआईएस पोर्टल बनवाया है. ताकि टैक्स वसूली में किसी भी प्रकार का कोई विघ्न न आए. इसके बावजूद आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. आदेशों का पालन न किए जाने पर स्थानीय निकाय निदेशालय ने खेद जताया है.
कानपुर नगर निगम ने अपलोड की त्रुटिपूर्ण सूचना
बता दें कि स्थानीय निकाय निदेशालय ने बीते दिनों टैक्स वसूली को लेकर समीक्षा की थी. जिसमें निदेशालय ने देखा कि एमआईएस पोर्टल पर 2020-21 की सूचना अपलोड नहीं की जा रही है. जिस पर निदेशालय ने नाराजगी जताई. निदेशालय ने आगे बताया कि अलीगढ़, बरेली और मेरठ ने अगस्त की अभी तक कोई सूचना अपलोड नहीं की है. वहीं लापरवाही का आलम यह है कि कानपुर नगर निगम ने त्रुटिपूर्ण सूचना ही अपलोड कर दी.
सुविधा के लिए बनाया एमआईएस पोर्टल
नगर निगमों की यह स्थिति तब है जबकि नगर आयुक्तों को इस संबंध में निर्देश भी दिया जा चुका है कि हाउस टैक्स वसूली का ब्यौरा अनिवार्य रूप से पोर्टल पर फीड करना होगा. इसके अलावा इसमें यह भी बताना होगा कि पिछले साल की अपेक्षा दिए गए वार्ड में कितने नए मकानों को शामिल किया गया है. समीक्षा के दौरान विभागीय अधिकारी यह आसानी से पता लगा सकते हैं कि किस नगर निगम या निकाय ने कितना हाउस टैक्स वसूला है.
निर्देशों को गंभीरता से नहीं ले रहे नगर निगमः निकाय निदेशक
स्थानीय निकाय निदेशक डॉ. काजल ने इस संबंध में नगर आयुक्तों को निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने कहा है कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि अधिकारी शासन और निदेशालय की सूचना को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं और न ही हाउस टैक्स वसूली में रुचि ले रहे हैं. यह स्थिति अत्यंत खेदजनक है. उन्होंने कहा है कि हर माह की 5 तारीख तक अनिवार्य रूप से वसूली की सूचना अपलोड की जानी चाहिए.
टैक्स वसूली से बढ़ेगी निकायों की आय
डॉ. काजल ने टैक्स वसूली पर ध्यान देने और आदेशों का पालन करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि टैक्स वसूली से निकायों की आय बढ़ेगी. इसे ध्यान में रखते हुए जीएसआई सर्वेक्षण भी शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि यह अनुमान है कि सर्वेक्षण में बड़ी संख्या में फ्लैट और भवन स्वामी मिलेंगे जो हाउस टैक्स का भुगतान नहीं कर रहे हैं. लखनऊ गोमती नगर में सर्वे के बाद कई मकान मिले हैं.