लखनऊ: लोहिया संस्थान में गुरुवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने निरीक्षण किया. इस दौरान डिप्टी सीएम ने अव्यवस्थाओं को लेकर अफसरों को फटकार लगाई. साथ ही फार्मेसी का ब्यौरा तलब किया. इसमें विभिन्न रोगों की दो लाख रुपये से अधिक की दवाएं खराब मिलीं.
डिप्टी सीएम 12 बजे के करीब लोहिया संस्थान पहुंचे. यहां ओपीडी में पर्चा काउंटर और इमरजेंसी व्यवस्था को देखकर उन्होंने नाराजगी जताई. बाराबंकी के मरीज को भर्ती न करने पर निदेशक डॉ सोनिया नित्यानंद, अधीक्षक डॉ. विक्रम सिंह से जवाब तलब किया. वहीं, संस्थान में दवा की उपलब्धता का ब्यौरा तलब किया. इसमें 2,40,668 दवाएं खराब मिलीं. इनमें बड़ी तादाद में महंगे इंजेक्शन और टैबलेट थे, जो काफी समय से रखे-रखे खराब हो गए. इनका उपयोग न होने पर कंपनी को दवा समय पर वापस भी नहीं की गईं. उधर, मरीज बाहर से दवा खरीदने को मजबूर रहे. दवाओं से कितने रुपयों का नुकसान हुआ, इसकी भी जानकारी मांगी है. साथ ही पूरे मामले पर जांच करने के आदेश दिए भी दिए. इस मामले में चिकित्सा शिक्षा के सचिव डी एस प्रियदर्शी को जांच अधिकारी बनाया गया है.
सूची लेकर 45 मिनट भटकते रहे डिप्टी सीएम :डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक लोहिया संस्थान में एक्सपायरी दवाओं की सूची के लिए करीब 45 मिनट तक भटकते रहे. मुख्य स्टोर से लेकर सर्वर रूप में डिप्टी सीएम गए. उन्हें समय पर एक्सपायरी दवाओं की सूची नहीं मिल पाई. लंबी जद्दोजहद के बाद मंत्री को एक्सपायर दवाओं की सूची मिली. 50 लाख से अधिक की एक्सपायर दवाएं वापस नहीं की गईं. मंत्री ने प्रमुख सचिव से जांच कराने के निर्देश दिए हैं.