लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष सतीश महाना के प्रयास से मंगलवार को विधानसभा में संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस संवाद कार्यक्रम में पांच बार या उससे अधिक वर्ष से चुनाव जीतते आये विधायकों ने शिरकत की. विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि आज विधानसभा के वरिष्ठ सदस्यों को सम्मानित करते हुए एक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें 5 बार या उससे अधिक चुनाव जीत कर आये वरिष्ठ सदस्यों से विधान सभा की गरिमा को और बढ़ाये जाने पर विचार विमर्श किया गया. उन्होंने कहा कि जनता अगर हमें सदन भेज रही है उस सम्मान को बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है.
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि राजनीतिक विचारधारा अलग हो सकती है पर वरिष्ठों का सम्मान बना रहना चाहिए. मेरा प्रयास होगा कि सभी सदस्यों से सीधा संवाद हो, जिससे विधान सभा को और अच्छा किया जाय सके. इसलिए इस तरह का संवाद कार्यक्रम शुरू किया है. विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि हम चाहते हैं कि विधायकों की गरिमा और बढ़े, हमारे सदस्यों को राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों में अवसर मिले, जिससे उत्तर प्रदेश की पहचान बने.
इस अवसर पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने विधानसभा अध्यक्ष महाना को बधाई देते हुए कहा कि आपने कई नई परम्पराएं डाली हैं. एक भी दिन विधानसभा स्थगित नहीं हुई और कोई भी सदस्य वेल में नहीं आया. इसके साथ ही सत्र के दौरान सदस्यों के जन्मदिन को मनाने की भी नई परम्परा की शुरूआत की. खन्ना ने कहा कि ग्रुप बनाकर विधायकों के साथ शुरू किया गया संवाद का कार्यक्रम एक बहुत ही सुखद संकेत है. राजनीतिक व्यक्ति की छवि का समाज पर बहुत असर पड़ता है. हम सभी वरिष्ठों को नए सदस्यों को रास्ता दिखाना है.
संवाद कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए विधान सभा के पूर्व अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने कहा कि यह खुशी की बात है कि महाना ने नयी परिपाटी की शुरूआत की है. इस तरह के कार्यक्रम से सदन को लाभ मिलेगा. हम सभी सदस्यों को मिलकर विधान सभा अध्यक्ष को और ताकतवर बनाना है, जिससे उनका सम्मान बना रहे. उन्होंने कहा कि सत्तापक्ष और विपक्ष में मतभेद हो सकता है, लेकिन सदन और अध्यक्ष का सम्मान बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है. आज जिस तरह से वरिष्ठ सदस्यों का सम्मान किया गया उसके लिए विधान सभा अध्यक्ष धन्यवाद के पात्र हैं.
इसी क्रम में वरिष्ठ सदस्य अवधेश प्रसाद ने भी अपने अनुभव साझा किये और कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने जो शुरुआत की है उसे भविष्य में इतिहासकार लिखेंगे. 1977 जब पहली बार चुनकर आया था तब से अब तक कई विधानसभा अध्यक्ष देखे हैं पर महाना की कार्यशैली अनूठी है. पहली बार सदन स्थगित नहीं हुआ और लगभग सभी सदस्यों को बोलने का मौका मिला जिससे प्रदेश में एक अच्छा संदेश गया.
विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा राजा भैया ने कहा कि आज जितने सदस्य यहां मौजूद हैं उन सभी सदस्यों ने विधान सभा अध्यक्ष के इस कार्य को सराहा है. उत्तर प्रदेश की विधानसभा अपना पुराना गौरव प्राप्त करे, ये तभी संभव होगा जब अधिक से अधिक सदन चले. उन्होंने कहा कि जितना अधिक सदन चलेगा, उतना ही इस सदन के सदस्यों की गरिमा बढ़ेगी.