लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी की कोर कमेटी की मीटिंग सोमवार की शाम कार्यवाहक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास पर हुई. इसमें यह तय किया गया कि जो भी मंत्री और विधायक अपना चुनाव हार चुके हैं, उनको संगठन कोई राहत नहीं बख्शेगा. इन लोगों को स्थानीय निकाय की एमएलसी चुनाव में टिकट नहीं दिया जाएगा. अन्य दावेदारों को टिकट देने की तैयारी संगठन ने की है. कोर कमेटी की मीटिंग में मंत्री पद के लिए विधायकों के नाम और शपथ ग्रहण समारोह के स्वरूप को लेकर भी चर्चा की गई है. करीब 2 घंटे तक चली इस बैठक को लेकर मीडिया में कोई भी औपचारिक बयान भारतीय जनता पार्टी की ओर से जारी नहीं किया गया.
कार्यवाहक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी दिल्ली यात्रा के बाद सोमवार की शाम वापस राजधानी पहुंचे. एयरपोर्ट से आने के तत्काल बाद उनके फाइव केडी स्थित आवास पर कोर कमेटी की मीटिंग शुरू हुई. इस मीटिंग में भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, महामंत्री संगठन सुनील बंसल, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और अन्य प्रमुख नेता शामिल रहे.
चुनाव में हारने वाले विधायकों और मंत्रियों को भाजपा संगठन नहीं देगा कोई राहत, एमएलसी सीट से होंगे बेदखल
भारतीय जनता पार्टी की कोर कमेटी की मीटिंग सोमवार की शाम कार्यवाहक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास पर हुई. जो भी मंत्री और विधायक अपना चुनाव हार चुके हैं, उनको संगठन कोई राहत नहीं बख्शेगा. इन लोगों को स्थानीय निकाय की एमएलसी चुनाव में टिकट नहीं दिया जाएगा.
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लगभग 2 घंटे तक नेताओं के बीच विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की जाती रही. भारतीय जनता पार्टी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इस मीटिंग का सबसे अहम एजेंडा आगामी 36 सीटों के लिए एमएलसी का चुनाव था. कोर कमेटी ने तय किया है कि कोई भी ऐसा विधायक या मंत्री जो चुनाव हार गये हैं, उसको एमएलसी चुनाव का टिकट नहीं दिया जाएगा. इनके अलावा जो भी दावेदार हैं उनको चुनाव में आजमाया जाएगा. 15 मार्च से स्थानीय निकाय की 36 एमएलसी सीटों के लिए उत्तर प्रदेश में नामांकन शुरू हो रहा है.
सूत्रों ने बताया कि एमएलसी चुनाव की दावेदारी के अतिरिक्त इस बात पर भी चर्चा की गई कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा गठन से पहले भारतीय जनता पार्टी के मंत्रिमंडल का स्वरूप किस तरह का होगा, मंत्रिमंडल में कितने सदस्य शामिल होंगे, उनमें से कितने विधायक होंगे, कितने विधान परिषद के सदस्य होंगे. जातियों का प्रतिनिधित्व किस तरह से दिया जाएगा. इसके अतिरिक्त उपमुख्यमंत्री पद पर कितने नेताओं को जगह दी जानी है इस पर भी बातचीत की गई. शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री वह बड़े नेताओं को शामिल किया जाना है. ऐसे में शपथ ग्रहण समारोह को किस तरह से आयोजित किया जाएगा. इस पर भी बातचीत की गई.
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