लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने नागरिक संशोधन विधेयक को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधा है. बसपा सुप्रीमो मायावती के अनुसार, यह विधेयक विभाजनकारी और असंवैधानिक है.
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मायावती ने कहा कि-
- इस विधेयक के जरिए नागरिकों में धर्म के आधार पर भेदभाव करना आंबेडकर की मानवतावादी एवं धर्मनिरपेक्ष संविधान की मंशा और बुनियादी ढांचे के खिलाफ है.
- बसपा इस बिल के वर्तमान स्वरूप से बिल्कुल भी सहमत नहीं है.
- यदि केंद्र सरकार देश व जनहित में भारतीय संविधान के मुताबिक सही व उचित फैसले लेती है तो बसपा फिर दलगत राजनीति से ऊपर उठकर केंद्र सरकार का समर्थन करेगी.
- मायावती ने केंद्र सरकार के नोटबंदी और जीएसटी जैसे फैसलों को भी कटघरे में खड़ा किया.
- नोटबंदी और जीएसटी की तरह ही अपरिपक्व तरीके से लाए गए नागरिक संशोधन विधेयक को देश पर जबरदस्ती थोपने की बजाय इस पर केंद्र सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए.
- इसके बेहतर विचार-विमर्श के लिए इसे संसदीय समिति के पास भेजना चाहिए.
- ताकि यह विधायक संवैधानिक रूप से देश की जनता के सामने आ सके.