लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कार्यवाहक कुलसचिव संजय मेधावी और शिक्षकों के बीच तनातनी शुरू हो गई है. लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (lucknow university teachers association) ने संजय मेधावी की तरफ से जारी एक पत्र की भाषा को लेकर आपत्ति दर्ज कराई है. संगठन ने कुलपति को पत्र लिखकर कहा है कि कुलसचिव अपनी भाषा पर नियंत्रण रखें.
बीते दिनों कुलसचिव की तरफ से शिक्षकों को निर्देशित करते हुए एक पत्र जारी किया गया था. इसमें संकाय अध्यक्ष, विभागाध्यक्ष और शिक्षकों को आदेशित किया गया कि वह बायोमेट्रिक उपस्थिति सुनिश्चित करें. शिक्षक संगठन की तरफ से इसको लेकर आपत्ति उठाई गई है. लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. विनीत कुमार वर्मा और महामंत्री डॉ. राजेंद्र कुमार वर्मा की तरफ से कुलपति को भेजे गए पत्र में लिखा गया है कि कुलपति कार्यालय में अपनी सीमाओं का उल्लंघन करके संकाय अध्यक्ष, विभागाध्यक्ष और शिक्षकों को निर्देशित करने का पत्र निर्गत करता है. इस प्रकार का एक पत्र दिनांक 3 अगस्त को कुलसचिव महोदय ने जारी किया था. इसकी भाषा अत्यंत आपत्तिजनक और शिक्षकों की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली है. पत्र में लिखा गया है कि कुलपति के आदेश-निर्देश और अनुमोदन के पश्चात ही कुलसचिव महोदय शिक्षकों को कोई पत्र निर्गत कर सकते हैं. कुलसचिव द्वारा जारी पत्र सीधे शिक्षकों को निर्देशित है, जो अनुचित और अवैधानिक है.
लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने कुलसचिव के जारी पत्र पर जताई आपत्ति, भाषा पर नियंत्रण रखने की दी सलाह
लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलसचिव की ओर से शिक्षकों को निर्देशित करते हुए एक पत्र जारी किया गया था. इस पर लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (lucknow university teachers association) ने आपत्ति जताई है.
लखनऊ विश्वविद्यालय के महामंत्री डॉ. राजेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति संजय मेधावी खुद एक शिक्षक हैं. इसके बावजूद उनके द्वारा मर्यादाओं को भूलकर इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करना अनुचित है. शिक्षक संगठन की तरफ से इसको लेकर आपत्ति दर्ज करा दी गई है. कुलपति को पत्र लिखा गया है. साथ ही भविष्य में इस तरह की भाषा का इस्तेमाल न किये जाने के संबंध में हिदायत भी दी गई है.
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