लखनऊ: फसलों की आधुनिक जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 18 प्रशासनिक संभाग मुख्यालयों को ऑर्गेनिक बाजार के लिए चिन्हित किया गया. आरोप है कि जैविक उत्पादों की सैंपलिंग और जांच के नाम पर किसानों के साथ धोखा किया जा रहा है. वहीं उत्पादों की ऑर्गेनिक जांच की बात करें, तो किसानों का कहना है कि जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है.
किसान फल पट्टी संरक्षण विकास समिति के अध्यक्ष श्रवण कुमार ने बताया कि मंडी समिति में फसलों की जांच के नाम पर किसानों को परेशान किया जा रहा है. आरोप है कि फसलों की जांच कर ऑर्गेनिक तत्वों की पहचान करने और मान्यता देने को लेकर मंडी समिति पूरी तरह से लापरवाही बरत रही है.
किसानों की फसलों की आसानी से जांच नहीं हो पा रही है. अव्यवस्थाओं से परेशान होकर किसान मंडी समिति का चक्कर लगा रहे हैं. फल पट्टी विकास समिति श्रवण कुमार ने बताया कि मंडी समिति की लापरवाही के वजह से किसानों की फसलों की सैंपलिंग नहीं हो पा रही है.
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इस वजह से किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है. सरकार ने किसानों की फसलों की जांच करने की व्यवस्था की थी, लेकिन सैंपलिंग व्यवस्था लागू होने के बाद एक साल का वक्त बीत चुका है. नियमानुसार काम न होने के कारण किसानों परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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मंडी समिति के सचिव संजय सिंह ने कहा कि अगर सैंपलिंग में गड़बड़ी की शिकायत मिलेगी, तो इस मामले में कार्रवाई की जाएगी और तत्काल किसानों की फसल की सैंपलिंग करायी जाएगी. इससे किसानों को उनकी पैदावार की उचित कीमत मिल सकेगी.