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दरकता भरोसा-3: राजधानी में हर दूसरे बड़े मकान बन रहे हैं कमर्शियल कॉम्प्लेक्स - strict action against illegal constructions

राजधानी का हर दूसरा बड़ा मकान कमर्शियल कॉम्प्लेक्सों में तब्दील होता जा रहा है, जिससे शहर में ढांचागत सुविधाओं पर न केवल बुरा असर पड़ रहा है बल्कि सड़क पर पार्किंग के अभाव में जाम की परेशानियां बहुत अधिक बढ़ रही हैं.

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राजधानी में हर दूसरे बड़े मकान बन रहा कामर्शियल कॉम्प्लेक्स

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Published : May 9, 2022, 5:26 PM IST

लखनऊ: राजधानी का हर दूसरा बड़ा मकान कमर्शियल कॉम्प्लेक्सों में तब्दील होता जा रहा है, जिससे शहर में ढांचागत सुविधाओं पर न केवल बुरा असर पड़ रहा है, बल्कि सड़क पर पार्किंग के अभाव में जाम की परेशानियां बहुत अधिक बढ़ रही हैं. शहर में एलडीए की कॉलोनियों में हर चौड़ी सड़क पर बड़े भूखंड पर इसी तरह से कॉम्प्लेक्स और शोरूम बनाए जा रहे हैं, जिससे अवैध निर्माण का एक ऐसा जाल शहर में बुना जा चुका है, जिसमें हर नागरिक उलझता जा रहा है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) विधानसभा चुनाव 2022 (assembly election 2022) के प्रचार के दौरान बुलडोजर बाबा के नाम से भी प्रख्यात हो गए. माफिया बाहुबलियों और अवैध निर्माण करने वाले बिल्डरों के खिलाफ पिछली विधानसभा के दौरान जिस तरह से बुलडोजर ने कहर बरपाया था. उसको भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव में जमकर भुनाया है. अब यह बुलडोजर नहीं रुकेगा.

बड़ा मकान कमर्शियल कॉम्प्लेक्सों में तब्दील

लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) भी कमर कस चुका है और बहुत जल्द ही अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की जाएगी. राजधानी में करीब 5,000 अवैध निर्माणों के खिलाफ प्रवर्तन कोर्ट में केस चल रहे हैं, जिनमें से अधिकांश पर ध्वस्तीकरण के आदेश भी दिए जा रहे हैं. इसके बावजूद मकानों में दुकानों में कोई कमी नहीं आ रही है.

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लखनऊ विकास प्राधिकरण की कॉलोनियों में मकानों के लिए बनाए गए प्लॉटों में शोरूम नहीं बनाए जा सकते हैं. ऐसा कोई नियम नहीं है. न ही कोई कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाया जा सकता है. इसके बावजूद इंजीनियरों और बिल्डरों की मिलीभगत के चलते हर दूसरा बड़ा मकान जो कि किसी चौड़ी सड़क पर है, वहां शोरूम और कॉम्प्लेक्स बनाए जा रहे हैं. हाल ही में लखनऊ विकास प्राधिकरण ने 24 मीटर रोड पर कमर्शियल एक्टिविटी को अनुमन्य करने के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा था. मगर यह प्रस्ताव अभी भी शासन में लंबित है और कोई जवाब नहीं आया है. ऐसे में स्थिति जस की तस बनी हुई है.

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अक्षय कुमार त्रिपाठी (Vice President Akshay Kumar Tripathi) का कहना है कि आवासीय में व्यवसायिक उपयोग को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभियंताओं को लक्ष्य तय कर दिए गए हैं और सीलिंग के साथ ही ध्वस्तीकरण लगातार हो रहा है. इसको हर संभव तरीके से रोका जाएगा.

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