लखनऊः भीषण गर्मी में लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश की जनता को बिजली संकट के चलते पसीना बहाने को मजबूर होना पड़ रहा है. उपकेंद्र पर कोई जानकारी नहीं मिलती है. लिहाजा, सीधे बिजली विभाग की हेल्पलाइन 1912 पर शिकायत पहुंचती है. रोजाना प्रदेशभर से सैकड़ों शिकायतें हेल्पलाइन 1912 पर बिजली संकट की ही आ रही है. उपभोक्ताओं की समस्या का समाधान करने के लिए बिजली विभाग के अधिकारियों ने एक तोड़ निकाला है.
पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने अब हर संविदाकर्मी के साथ-साथ बिजली विभाग के जूनियर इंजीनियर, एसडीओ और एक्सईएन को अपने मोबाइल पर 1912 ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा है. इससे संबंधित स्थान की बिजली संकट की शिकायत उस ऐप पर प्रदर्शित होने लगेगी. जैसे ही अधिकारी के पास बिजली संकट की शिकायत आएगी इसी एप पर संविदाकर्मी को शिकायत असाइन कर दी जाएगी. जिस संविदाकर्मी को इस ऐप पर समस्या के समाधान के लिए भेजेंगे. उसकी जानकारी भी 1912 पर दिखेगी. इससे जल्द से जल्द बिजली कटौती की समस्या दूर होगी. वहीं पूरा ब्यौरा भी ऑनलाइन दिखाई देगा.
जानकारी देते मुख्य अभियंता (सिस गोमती) विपिन जैन बिजली विभाग के अधिकारियों ने भले ही 1912 एप डाउनलोड करने की बात सभी कर्मचारियों के लिए कही हो, लेकिन संविदाकर्मी अपने मोबाइल पर इस ऐप को डाउनलोड करने का विरोध कर रहे हैं. इसकी वजह है कि उनके पास स्मार्टफोन नहीं है और विभाग की तरफ से स्मार्टफोन दिया नहीं जा रहा. ऐसे में बिना एंड्रायड फोन 1912 एप किस तरह से डाउनलोड कर लें. उनके पास कीबोर्ड वाला ही मोबाइल है.
माह भर में आईं इतनी शिकायतें: एक अप्रैल से चार मई तक 1912 टोल फ्री नम्बर पर पूरे प्रदेश से ट्रांसफार्मर सम्बन्धी 20,211 शिकायतें प्राप्त हुईं. जिसमें 19,652 समस्याओं का निस्तारण किया गया. इसी तरह 2,11,472 शिकायतें विद्युत आपूर्ति सम्बन्धी आईं. उसमें भी 2,10,148 शिकायतों का कम से कम समय में निस्तारण कर दिया गया. उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा देने के लिए टोल फ्री नम्बर 1912 की लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है. स्थानीय शिकायतों को कम से कम समय में ठीक कराने की कोशिश हो रही है.
क्यों संविदाकर्मी जता रहे हैं विरोध: संविदाकर्मियों के नेता देवेंद्र पांडेय का कहना है कि संविदाकर्मियों को 8000 से भी कम वेतन मिलता है. उसके बाद उनसे कहा जा रहा है कि स्मार्टफोन पर 1912 ऐप डाउनलोड करो. अब इससे परेशानी और भी ज्यादा बढ़ जाएगी, क्योंकि अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से भागेंगे और कोई भी समस्या आने पर संविदाकर्मी के ही कंधे पर भार डाल दिया जाएगा. उसे ही जिम्मेदार मान लिया जाएगा. रात में किसी तरह कोई समस्या होगी तो सीधे तौर पर 1912 पर ही संविदाकर्मी को बोल दिया जाएगा. यह ठीक नहीं रहेगा. इसके अलावा जब संविदाकर्मियों की सैलरी कम है तो उनके पास स्मार्टफोन कहां से आ जाए? अब पहले स्मार्टफोन की व्यवस्था करें तब जाकर नौकरी कर पाएं. प्रबंधन कह रहा है कि नौकरी से निकाल देंगे अगर 1912 एप डाउनलोड नहीं किया. यह पूरी तरह गलत है इसका विरोध किया जाएगा. हर हाल में फैसला वापस लेना होगा.
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क्या कहते हैं मुख्य अभियंता: 1912 एप डाउनलोड करने के बारे में मुख्य अभियंता (सिस गोमती) विपिन जैन का कहना है कि इस ऐप के डाउनलोड करने से बिजली संकट की समस्या जल्द से जल्द दूर की जा सकेगी. शिकायत मिलते ही संबंधित अधिकारी और कर्मचारियों को इसकी जानकारी ऐप के माध्यम से ही हो जाएगी. जिससे त्वरित गति से मौके पर जाकर बिजली आपूर्ति बहाल करने के प्रयास होंगे. इससे लोगों को समय पर भरपूर बिजली मिल सकेगी और किसी तरह की शिकायत भी नहीं रहेगी. जहां तक बात संविदाकर्मियों के पास स्मार्टफोन नहीं होने की है और उनके सामने दिक्कत आ रही हैं तो उनके लिए यह अनिवार्य नहीं किया गया है कि वह ऐप डाउनलोड ही करें. किसी को नौकरी से भी निकाले जाने जैसी कोई बात नहीं है.
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