लखनऊ : लोहिया अस्पताल का हाल इस समय ज्यादा खराब है. यह प्रदेश के प्रतिष्ठित अस्पतालों में से एक है. यहां प्रदेश भर से मरीज इलाज के लिए आते हैं. बीते दिनों हॉस्पिटल ब्लॉक में लोहिया अस्पताल का विलय हो गया, जिसके कारण यहां पर ओपीडी में इलाज के लिए मरीज को 100 रुपये का पर्चा बनवाना पड़ रहा है. इसके बावजूद मरीजों को तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल में जगह-जगह गंदगी फैली है. वहीं अस्पताल परिसर के कई शौचालयों में ताला लटका है.
ओपीडी में लंबी लाइन : लोहिया अस्पताल में ओपीडी में दिखाने के लिए रोजाना पांच हजार से अधिक मरीज आते हैं. सुबह 7 बजे से ही मरीज व तीमारदार पर्चा बनवाने के लिए लंबी लाइन में लग जाते हैं. दो-तीन घंटे लाइन में लगने के बाद मरीजों को पर्चा मिल पाता है. इसमें भी कभी-कभी सर्वर डाउन रहता है तो कभी ठप्प हो जाता है. सोमवार को भी सर्वर डाउन होने के कारण मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ा. वहीं पर्चा काउंटर के बाहर मरीजों में आपस में ही लड़ाई हो गई. दरअसल भीड़ इतनी थी कि जिन मरीजों को इमरजेंसी थी वह लाइन से हटकर किनारे से काउंटर पर पर्चा बनवाने लगे. जिसका मरीजों ने विरोध किया.
मरीजों ने बताया कि अस्पताल में दवायें नहीं मिल रही हैं. खाली हाथ यहां से लौटना पड़ रहा है. यहां तक कि जन औषधि केंद्र में भी दवायें नहीं मिल रही हैं. ऐसे में मजबूरी में हमें निजी पैथोलॉजी से दवायें खरीदनी पड़ रही हैं. इसके अलावा कई मरीज तो ऐसे हैं जो अन्य जिले से इलाज के लिए आए हैं. महंगी दवा खरीदने में सक्षम नहीं हैं. अस्पताल परिसर में वह लोगों से पैसे मांग रहे हैं.