लखनऊःभले ही सरकार उत्तर प्रदेश में शिक्षा को सुधारने के लाख वादे कर रही हो, लेकिन आज भी हकीकत कुछ और है. साल 2014 में राजकीय इंटर कॉलेज बनने के लिए फंड पास किया गया था. इसके बनने की शुरुआत भी हो गई थी. दो वर्ष में राजकीय इंटर कॉलेज को शुरू भी हो जाना चाहिए था, लेकिन नहीं हुआ. आज वह कॉलेज जंगल में तब्दील हो चुका है. इस मामले पर जब अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने भी पल्ला झाड़ लिया.
बता दें समाजवादी पार्टी के शासनकाल में साल 2014 में बख्शी का तालाब के सैरपुर गांव में राजकीय इंटर काॅलेज बनने का प्रस्ताव पास हुआ था. जिसको 2016 में पूरा होना था. स्कूल के निर्माण को लेकर लगभग 5 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट पास हुआ था. जिसमें प्रथम किश्त के तौर पर 2 करोड़ रुपये का फंड भी मिल गया था. जिसके बाद स्कूल बनना शुरू हो गया था, लेकिन बीते कुछ वर्षों में स्कूल का निर्माण कार्य रुक गया. करीब 8 साल बाद भी वह आज तक फिर से शुरू नहीं हो पाया है. वहीं सूत्रों की मानें तो बजट पास न होने के चलते स्कूल का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है. जिसके चलते लगभग 30 से 35 गांव के बच्चे शिक्षा व्यवस्था को लेकर काफी परेशान हैं.
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बख्शी का तालाब के सैरपुर गांव में राजकीय इंटर कॉलेज का निर्माण कराया जा रहा था. कई वर्षों के बावजूद आज भी इसका निर्माण कार्य अधूरा है. जिसके चलते कई गांवों के बच्चों को शिक्षा के लिये परेशानी उठानी पड़ रही है.
ईटीवी भारत से फोन पर बातचीत के दौरान जिला विद्यालय निरीक्षक अमरकांत सिंह ने बताया कि बजट के अभाव के चलते स्कूल का कार्य पूरा नहीं हो पाया है. हालांकि इसको लेकर शासन को सूचित कर दिया गया है. बजट पास होते ही इस स्कूल का निर्माण कार्य पूरा कराया जाएगा. हालांकि गांव वालों की समस्या को देखते हुए प्रयास रहेगा कि जो जरूरत की चीजें स्कूलों में अधूरी हैं उनको पूरा कराकर कुछ कक्षाएं शुरू कर दी जाएं. अगर समय पर नहीं पूरा हुआ तो पंचायत भवन में कक्षाएं शुरू की जाएंगी. जिससे बच्चों को किसी तरीके की समस्या न हो.
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