लखनऊः हाल ही में परिवहन विभाग ने लर्नर लाइसेंस की व्यवस्था फेसलेस कर दी है. इसमें आवेदक को लाइसेंस के लिए आरटीओ कार्यालय आने की जरूरत नहीं है. वहीं लाइसेंस की फेसलेस व्यवस्था आवेदकों को लूटने का माध्यम बन गई है. यह व्यवस्था परिवहन विभाग के साथ ही दलालों को भी मालामाल करने वाली साबित हो रही है.
जानिये क्या है लाइसेंस की फेसलेस व्यवस्था का हाल, मालामाल हो रहे विभाग और दलाल
परिवहन विभाग ने लर्नर लाइसेंस की व्यवस्था फेसलेस कर दी है. लेकिन आवेदकों को साइबर कैफे के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. वहीं आरटीओ कार्यालय में लर्नर लाइसेंस के स्लॉट भी कम कर दिए हैं.
परिवहन विभाग ने आवेदकों को सहूलियत देने के लिए घर बैठे लर्नर लाइसेंस की व्यवस्था शुरू की थी, लेकिन आवेदकों को साइबर कैफे के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. वहां उनका काम तो हो रहा है, लेकिन ज्यादा दाम चुकाना पड़ रहा है. ऐसे में जो काम पहले फीस जमा करने के साथ ही ₹450 में हो जाता था अब ₹800 से भी ज्यादा देने पड़ रहे हैं. इतना ही नहीं बार-बार फेल होने के चलते 50-50 रुपये अतिरिक्त परिवहन विभाग के खाते में भी जा रहे हैं. इससे परिवहन विभाग को फायदा हो रहा है, लेकिन दोनों तरफ से आवेदक ही पीस रहे हैं.
स्लॉट भी कर दिए खत्म:आरटीओ कार्यालय में लर्नर लाइसेंस के स्लॉट कम कर दिए हैं. सिर्फ छह स्लॉट ही रह गए हैं, जबकि पहले लर्नर्स लाइसेंस के 450 स्लॉट थे. उसके बाद 225 किए गए. आखिर में 114 स्लॉट दिये गए. अब यह संख्या सिर्फ छह ही रह गई है. यह सभी स्लॉट सितंबर माह तक पूरी तरह से फुल हैं. ऐसे में अब लाइसेंस बनवाना बिल्कुल भी आसान नहीं रह गया है.
आवेदक का होता है फेस ऑथेंटिकेशन :परिवहन अधिकारी बताते हैं कि ऑनलाइन टेस्ट के समय सारथी पोर्टल पर आवेदक का फेस ऑथेंटिकेशन किया जाता है. इसके लिए आवेदक को वेब कैमरा युक्त कंप्यूटर पर परीक्षा देनी होती है. फेस ऑथेंटिकेशन के समय आवेदक को यह भी सुनिश्चित करना होता है कि उसके बैठने के स्थान का बैकग्राउंड सादा हो. बैठने के स्थान पर प्रकाश की समुचित व्यवस्था हो और आवेदक के आस-पास कोई अन्य व्यक्ति मौजूद न हो. फेस ऑथेंटिकेशन के दौरान आवेदक के लाइव फोटो का मिलान उसके आवेदन पत्र में संरक्षित फोटो से किया जाता है. फेस ऑथेंटिकेशन के सफल होने के बाद ही आवेदक का ऑनलाइन टेस्ट प्रारंभ हो पाता है. इसके लिए आवेदक को प्रथम चरण में तीन मौके दिए जाते हैं.
इस तरह होता है आवेदन :लाइसेंस के लिए आवेदक सारथी पोर्टल http://sarathi. parivahan.gov.in) पर आवेदन कर सकते हैं. इसके बाद अपना आधार नंबर दर्ज करना होता है. सफल आधार प्रमाणीकरण के बाद आधार कार्ड पर संरक्षित आवेदन कर्ता का नाम, पिता व माता का नाम, पता, फोटो और जन्मतिथि अपने आप फेच होकर फार्म पर अंकित हो जाती है.
फार्म भरने में लग गए 800 रुपए :निखिल दीक्षित कहते हैं कि मैंने फॉर्म फिल किया था. जिसके बाद से लॉगिन एरर आ रहा है. साइबर कैफे से फार्म भरा था. इसके लिए ₹800 फीस दी थी. इससे पहले भी इसी तरह की समस्या आई तो ₹50 देकर फिर से अप्लाई किया. फिर इसी तरह की समस्या आई फिर ₹50 देने पड़े. कुल मिलाकर तीन बार ऐसा करना पड़ गया. अब ऐसे में तो घर बैठे लर्नर लाइसेंस बनाने की व्यवस्था सफल नहीं हो पा रही है और ज्यादा बढ़ गई हैं.
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दिए जाते हैं तीन मौके :एआरटीओ अखिलेश द्विवेदी बताते हैं कि घर बैठे लर्नर लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदक को तीन मौके दिए जाते हैं. तीन अवसरों के बाद भी अगर आवेदक का फेस ऑथेंटिकेशन असफल रहता है तो आवेदक को सारथी पोर्टल पर अपनी नवीनतम फोटोग्राफ अपलोड करने का विकल्प उपलब्ध कराया जा रहा है. नवीनतम फोटोग्राफ अपलोड करने के बाद आवेदक फिर से फेसलेस स्क्रूटनी के लिए कार्यालय स्तर पर प्रदर्शित होगा. कार्यालय की तरफ से सफलतापूर्वक स्क्रूटनी करने के बाद आवेदक को फिर से फेस ऑथेंटिकेशन कराना होता है. इसके लिए भी उन्हें दफ्तर आने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
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