लखनऊ/अहमदाबाद:किशन भरवाड़ हत्याकांड में मामले में एटीएस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इनमें शामिल दिल्ली के मौलाना कमरगनी उस्मानी से एटीएस की पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं. पूछताछ में मौलाना कमरगनी उस्मानी ने एटीएस को बताया कि वह टीएफआई ('तैहरी या फारोकी इस्लामिक') नाम की संस्था संचालित कर रहा है, जो लखनऊ में रजिस्टर्ड है. एटीएस के अधिकारी ने बताया कि अभी इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता कि इस मामले से पाकिस्तान का कोई संबंध है या नहीं. मौलाना कमरगनी उस्मानी से पूछताछ में एटीएस को पता चला कि वो टीएफआई (TFI) ('तैहरी या फारोकी इस्लामिक') नाम की संस्था संचालित कर रहा है, जो लखनऊ में रजिस्टर्ड है.
जांच में अभी तक यह खुलासा नहीं हुआ है कि आरोपी पाकिस्तान या अंडरवर्ल्ड के संपर्क में थे. कमरगनी के संगठन के सदस्य पूरे देश में हैं, जो उनको रोजाना 1 रुपये दान देते हैं. जांच में यह भी पता चला कि उसके संगठन टीएफआई (TFI) के दो अलग-अलग बैंक खाते थे. सेंट्रल आईबी, एनआईए समेत एजेंसियां मामले की जांच के लिए अहमदाबाद पहुंच गई हैं.
इस मामले में अब तक 8 आरोपी गिरफ्तार किये जा चुके हैं. इसके अलावा गिरफ्तार 3 आरोपी अहमदाबाद विलेज कोर्ट की विशेष अदालत में पेश किए गए. जिहादी भाषण सुनने के बाद शब्बीर ने किशन को मार डाला. एटीएस ने बताया कि किशन की हत्या के आरोपी शब्बीर और मौलाना कमरगनी की अहमदाबाद में मुलाकात हुई थी. वो शाह आलम में एक मस्जिद में मिले थे. एटीएस की जांच में सामने आया है कि मौलाना कमरगनी मुस्लिम समुदाय की आलोचना करने वालों पर मुकदमा करते थे और शब्बीर जैसे युवकों को लोगों को मारने के लिए उकसाते थे.