लखनऊ: केजीएमयू में गुर्दे रोगियों को दौड़भाग से छुटकारा मिलेगा. वो घर बैठे ही डायलिसिस करा सकेंगे. इसके लिए संस्थान में मरीज-परिजनों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. ऐसे में डायलिसिस यूनिट के लिए इंतजार कम होगा.
केजीएमयू में नेफ्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. विश्वजीत सिंह के मुताबिक सप्ताहभर से कंटीनियुअस एम्बुलेटरी पैरीटोनियल डायलिसिस (सीएपीडी) की सुविधा शुरू होगी. अभी विभाग में 17 डायलिसिस मशीनें हैं. इनमें तीन शिफ्टों में डायलिसिस की सुविधा है. यहां 60 मरीजों की रोज डायलिसिस हो रही है. वहीं केजीएमयू में कुल 32 डायलिसिस मशीनें हैं.
हीमो डायलिसिस के दौरान मरीज का ब्लड प्रेशर गड़बड़ा जाता है. बेचैनी और खून संबंधी दूसरी परेशानी होने लगती हैं. ऐसे मरीज पैरीटोनियल डायलिसिस करा सकते हैं. इसमें नाभि के पास पाइप डाला जाता है. इसके माध्यम से खास तरह का पानी पेट में भरते हैं. तीन से चार घंटे के अंतराल पर दूसरे पाइप से पेट से पानी को बाहर निकाल देते हैं. मरीज घर या दफ्तर में रहकर पैरीटोलियल डालिसिस कर सकते हैं. अगले हफ्ते से यह नई सुविधा शुरू होगी.
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केजीएमयू के किडनी रोग के मरीज अब घर पर करवा सकेंगे डायलिसिस
केजीएमयू (King George's Medical University) में गुर्दा रोग के मरीजों को दौड़भाग से छुटकारा मिलेगा. अब वो घर पर ही डायलिसिस करा सकेंगे. इसके लिए संस्थान में मरीज-परिजनों को प्रशिक्षण दिया जाएगा.
kgmu's kidney patient dialysis
केजीएमयू में गुर्दा प्रत्यारोपण शुरू होगा. इसके लिए मरीजों को चिन्हित किया जा रहा है. पैरामेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षित किया जा रहा है. मरीजों को सस्ती दर पर केजीएमयू में गुर्दा प्रत्यारोपण की सुविधा मिलेगी. कार्यक्रम में डॉ. मेधावी गौतम, डॉ. एसके गौतम, डॉ. लक्ष्य कुमार समेत अन्य डॉक्टर मौजूद थे.
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