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डिप्टी सीएम की कुर्सी के लिए केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा ने दिल्ली में डाला डेरा - लखनऊ समाचार हिंदी में

डिप्टी सीएम रहे केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) और डॉ. दिनेश शर्मा (Dr Dinesh Sharma) दिल्ली में हैं. दोनों ही अपनी कुर्सी बचाने के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं. दिल्ली में दोनों ही उच्च पद वाले नेताओं से संपर्क कर रहे हैं.

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केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा

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Published : Mar 16, 2022, 6:33 PM IST

लखनऊ:योगी सरकार मेंडिप्टी सीएम रहे केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा ने दिल्ली में डेरा डाल रखा है. दोनों ही योगी 2.0 सरकार में अपनी डिप्टी सीएम की कुर्सी सुनिश्चित करना चाहते हैं. केशव प्रसाद मौर्य पिछले दो दिन से दिल्ली में हैं. वो भारतीय जनता पार्टी के उच्च पदस्थ नेताओं के संपर्क में हैं. वहीं डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा भी दिल्ली पहुंच चुके हैं. कहा जा रहा है कि दोनों ही डिप्टी सीएम की कुर्सी इस बार खतरे में हैं.

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में केशव प्रसाद मौर्य सिराथू विधानसभा सीट पर हार गए थे. कहा जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी संगठन इस बार उप मुख्यमंत्री के तौर पर वहीं डॉ. दिनेश शर्मा की जगह किसी दूसरे ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगाना चाहता है. माना जा रहा है कि दोनों में से एक की कुर्सी जरूर जाएगी.

2017 में उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के साथ दो मुख्यमंत्री भी बनाए गए थे. उस समय भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे केशव प्रसाद मौर्य को उप मुख्यमंत्री के तौर पर चुना गया था. वहीं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे डॉ. दिनेश शर्मा दूसरे डिप्टी सीएम बने थे. पिछले 5 साल में दोनों ही डिप्टी सीएम ने अपने-अपने मंत्रालयों में काम किया. चुनाव के मौके पर डॉ. दिनेश शर्मा ने एमएलसी की सीट पर बने रहना स्वीकार कर लिया. मगर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अपनी पुरानी सीट सिराथू से चुनाव लड़ने का फैसला किया. केशव प्रसाद मौर्य 7,000 से अधिक वोट से अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल से विधानसभा चुनाव हार गए. पल्लवी पटेल ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर अपना भाग्य आजमाया था.


भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों का कहना है कि पिछले दो दिन से केशव प्रसाद मौर्य दिल्ली में है. वो किसी भी हालत में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री की कुर्सी को गंवाना नहीं चाहते, इसलिए तमाम समीकरण साधने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं डॉ. दिनेश शर्मा बुधवार को दिल्ली पहुंच गये. कहा जाता है कि जब वो गुजरात प्रभारी थे, तो वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के बहुत नजदीक आ गए थे. उनको विधानसभा चुनाव 2017 के बाद उपमुख्यमंत्री का महत्वपूर्ण पद दिया गया था. वो भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख ब्राह्मण चेहरों में से एक हैं. मगर पार्टी का एक वर्ग नहीं चाहता कि इस बार उनको उपमुख्यमंत्री बनाया जाए.

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उनकी जगह किसी अन्य ब्राह्मण चेहरे पर बीजेपी दांव खेल सकती है. इसीलिए डॉ. दिनेश शर्मा भी अपने तरकश के सारे तीर चल देना चाहते हैं. इस बार उत्तर प्रदेश में उपमुख्यमंत्री पद पर आगरा ग्रामीण सीट से जीतीं बेबी रानी मौर्य, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, बृजेश पाठक, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेई का नाम शामिल है.

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