उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / city

ट्रांसफर में हुई गड़बड़ियों की जांच रिपोर्ट CM कार्यालय पहुंची, जल्द होगी कार्रवाई - transfer reached the cm office

प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ-साथ बीजेपी हाईकमान ने इस पूरे मामले को लेकर जानकारी मांगी थी. इसके बाद ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्तर पर जांच कमेटी गठित की गई थी

etv bharat
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

By

Published : Jul 15, 2022, 9:10 PM IST

Updated : Jul 15, 2022, 10:14 PM IST

लखनऊ:यूपी के स्वास्थ्य महकमे और पीडब्ल्यूडी में बड़े पैमाने पर स्थानांतरण गड़बड़ियों की जांच के लिए बनाई गई दोनों विभागों की कमेटियों ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. सूत्रों की माने तो रिपोर्ट में स्वास्थ्य विभाग में बड़े स्तर पर हुई गड़बड़ियों की जिम्मेदारी अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य की बताई गई है. जबकि पीडब्लूडी में विभागाध्यक्ष मनोज गुप्ता को दोषी माना गया है.

हालांकि, फिलहाल जांच रिपोर्ट में क्या कहा गया है, इस पर खुलकर कोई बता नहीं रहा है. जांच कमेटियों ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल को सौंप दी है. एसपी गोयल जल्द ही पूरी रिपोर्ट को मुख्यमंत्री के पास रखेंगे और उसके बाद कार्रवाई की जाएगी. वहीं, दूसरी तरफ उच्च स्तरीय सूत्रों का कहना है कि इस पूरे मामले में लीपापोती की जा रही है और आईएएस अधिकारी अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद को बड़ी कार्रवाई बचाने की कोशिश भी की जा रही है.

देखना दिलचस्प होगा कि प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ-साथ बीजेपी हाईकमान ने इस पूरे मामले को लेकर जानकारी मांगी थी. इसके बाद ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्तर पर जांच कमेटी गठित की गई थी. ऐसे में अब जांच रिपोर्ट आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्तर पर जिम्मेदारों के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी, यह देखने वाली बात होगी.

शासन के उच्च स्तरीय सूत्रों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS)अमित मोहन प्रसाद और लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता विभागाध्यक्ष (ENC) मनोज गुप्ता को गड़बड़ियों के लिए सैद्धांतिक रूप से दोषी मानते हुए कार्रवाई की संस्तुति की गई है. अब इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री ठोस निर्णय लेंगे और जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई की जाएगी.

इसे भी पढ़ेंःकेशव मौर्य ने दिलाई याद, कभी यशवंत सिन्हा ने मुलायम सिंह को ISI का एजेंट कहा था

उल्लेखनीय है कि, गत दिनों तबादलों की अंतिम तिथि बीतने के बाद स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा के मंत्री उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने तबादलों में गड़बड़ियों की शिकायत मिलने पर अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद से रिपोर्ट तलब की थी. परंतु उन्होंने उप मुख्यमंत्री के पत्र को ही नजरअंदाज कर दिया.

प्रधानमंत्री कार्यालय सहित भाजपा नेतृत्व सहित उच्च स्तर पर इस मामले में सख्त रुख अख्तियार किए जाने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय से तीन अधिकारियों की जांच कमेटी गठित की गई. इस कमेटी में प्रदेश के मुख्य सचि दुर्गा शंकर मिश्रा, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवनीश अवस्थी और अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय भूसरेड्डी को सदस्य बनाया गया था.

शासन के उच्च स्तरीय सूत्रों का कहना है कि, इस कमेटी ने 2 दिनों की गहन छानबीन और दस्तावेजों की पड़ताल के बाद यह पाया है. तबादलों में गड़बड़ियां की गई हैं. कई ऐसे लोगों को स्थानांतरित कर दिया गया, जो तबादला नीति में नहीं आते थे. इसके अलावा निर्धारित समय से पूर्वी तबादला किए गए.

कुछ ऐसे तबादले भी कर दिए गए जो अधिकारी रिटायरमेंट की दहलीज पर खड़े थे इन सभी गड़बड़ियों की जिम्मेदारी अपर मुख्य सचिव सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद पर डाली गई है. इसी तरह दूसरी जांच समिति पीडब्ल्यूडी में तबादलों को लेकर गठित की गई थी, जिसमें कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज सिंह अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय भूसरेड्डी, acs नियुक्ति देवेशचतुर्वेदी को शामिल किया गया था. जांच में पाया कि तबादलों में व्यापक भ्रष्टाचार किया गया है प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी नरेंद्र भूषण से राय मशवरा भी नहीं किया गया. उन्हें तबादलों की सूची से दूर रखा गया. विभागाध्यक्ष पीडब्ल्यूडी ने अपने स्तर से सारे तबादले किए आश्चर्यजनक बात तो यह है कि लिंक अधिकारी के रूप में उन्होंने जूनियर इंजीनियरों के तबादले की संस्तुति की और विभाग आदेश के रूप में उसे अनुमोदित कर दिया. इन सारी गड़बड़ियों के लिए विभागाध्यक्ष मनोज गुप्ता को जिम्मेदार माना गया है.
सूत्रों का कहना है कि, जांच रिपोर्ट से मुख्यमंत्री को मौखिक रूप पर अवगत कराया गया है. कल सुबह जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री के सामने पेश की जाएगी. इसके बाद दोषी पाए गए अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई किए जाने की संभावना है.
माना जा रहा है कि, पीडब्ल्यूडी के विभागाध्यक्ष मनोज गुप्ता का कार्यकाल सितंबर में पूरा हो रहा है. ऐसे में उनके प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार सीज किए जा सकते हैं. अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित कुमार प्रसाद का तबादला किया जा सकता है और उन्हें प्रतिकूल प्रविष्टि भी दी जा सकती है. इसके अलावा अन्य अफसरों पर भी कार्रवाई की जा सकती है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

Last Updated : Jul 15, 2022, 10:14 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details