लखनऊ: बदलती जीवनशैली में लगातार की जा रही भागदौड़ से हमारा शरीर बीमारियों का घर होता जा रहा है. यह बीमारियां कभी बाहरी तौर पर देखने का मिलती है, तो कभी अंदर ही अंदर शरीर में घर कर जाती हैं. इन्हें पता लगाना और उनका इलाज करवाना मुश्किल होता जाता है. इन्हीं में से एक इनफर्टिलिटी की समस्या भी है, जो आजकल पुरुष और महिलाओं दोनों में ही पाई जाने लगी है.
नोवा आईवीआई फर्टिलिटी लखनऊ की फर्टिलिटी कंसल्टेंट डॉ. आंचल गर्ग ने जानकारी देते हुए बताया कि एक ऐसी स्थिति है, जो बच्चों के गर्भधान को रोकती है. यह एक आमधारणा है कि इनफर्टिलिटी यानी बांझपन मुख्य रूप से महिला से संबंधित बीमारी होती है, लेकिन हकीकत यह है कि सिर्फ एक तिहाई बांझपन के मामले में ही महिला पर केंद्रित होती है. अगर आंकड़ों को देखें तो बांझपन की एक तिहाई समस्या पुरुषों से संबंधित होती हैं और बाकी की एक तिहाई कुछ अन्य कारणों से होती है. इसमें कई कारण ऐसे भी हैं, जो अभी तक पता नहीं लगाए जा सके हैं.
जिम में अधिक वक्त बिताने से बढ़ रही बांझपन की समस्या
डॉ. गर्ग कहती हैं कि आजकल हमारे पास ऐसे कई मामले आ रहे हैं, जिनमें पुरुषों में बांझपन की समस्या इसलिए सामने आ रही है, क्योंकि वे जिम में अधिक वक्त बिताते हैं. साथ ही अनाबॉलिक स्टेरॉयड का इस्तेमाल करते हैं. इस वजह से उनके शुक्राणुओं की संख्या कम हो जाती है और स्पर्म काउंट कम होने की वजह से इनफर्टिलिटी की समस्या सामने आती है.