लखनऊ : राजधानी लखनऊ के सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों की जमीनें व संपत्तियां खतरे में हैं. भूमाफिया और शिक्षा माफिया भ्रष्ट अधिकारियों के साथ इन संपत्तियों पर अवैध तरीके से कब्जा जमा रहे हैं. इसकी एक नजीर लखनऊ किश्चियन काॅलेज एवं सेंटीनियल इंटर काॅलेज में सामने आई है. इस प्रकरण को लेकर सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों की तरफ से लगातार प्रदर्शन किए जा रहे हैं.
माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री एवं प्रवक्ता डॉ. आरपी मिश्र ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश में माफियाओं पर बुलडोजर चलाया जा रहा है. आश्चर्य है कि लखनऊ किश्चियन काॅलेज एवं सेंटीनियल इंटर काॅलेज की लगभग 30 हजार करोड़ की संपत्ति पर कब्जा कर लिया गया है. यह कब्जा शिक्षा माफियाओं और डिप्टी रजिस्ट्रार चिट्स फण्ड एंड सोसाइटीज की साठगांठ से फर्जीवाड़ा कर किया गया है. सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय की जमीन पर प्राइवेट स्कूल बना लिया गया है. उस पर कोई कार्यवाही नहींं की जा रही है. शिक्षा माफियाओं का प्रभाव इतना है कि पुलिस में लगभग 09 माह पूर्व एफआईआर दर्ज होने तथा लगभग 06 माह पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा मंडलायुक्त, लखनऊ को दिए गए निर्देश के बावजूद शासन/विभाग स्तर से कोई कार्यवाही नहीं की गई है.
यह हैं आरोप :शिक्षक नेताओं ने बताया कि शिक्षा माफियाओं एवं डिप्टी रजिस्ट्रार चिट्स फंड एवं सोसाइटीज विनय कुमार श्रीवास्तव की सांठगांठ से फर्जी अभिलेखों के आधार पर लालबाग गर्ल्स इंटर काॅलेज की प्रधानाचार्या अर्णिमा रिसाल सिंह को लखनऊ किश्चियन काॅलेज एवं सेन्टीनियल इंटर काॅलेज का प्रबंधक बना दिया गया. जिसे जिला विद्यालय निरीक्षक ने मान्य नही किया. इसके बावजूद तथाकथित प्रबंधक अर्णिमा रिसाल सिंह और उनके साथ गुंडे और माफिया दिनदहाडे़ विधिक प्रबंधक प्रो.आरआर लायल के कमरे का ताला तोड़कर महत्वपूर्ण अभिलेख उठा ले गए. विद्यालय में कब्जा कर लिया. इसके विरूद्ध विद्यालय के विधिक प्रबंधक प्रो.आर.आर लायल ने अगस्त 2021 को वजीरगंज थाने में धारा 395 डकैती की रिपोर्ट सं. 251 दर्ज कराई लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई.
किश्चियन काॅलेज में विद्यालय एवं शासन द्वारा बर्खास्त फर्जी प्रधानाचार्य रोहित स्प्रिंग ने छात्रों से हजारों रुपये की अवैध फीस वसूली की. शिकायतों के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है. विद्यालय के शिक्षकों एवं कर्मचारियों को नियमानुसार पूर्ण वेतन एवं वेतनवृद्धि आदि का लगभग 09 माह से भुगतान नहीं किया जा रहा है.
यह है जिम्मेदारों का पक्ष :जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. अमरकांत सिंह ने बताया कि इस प्रकरण में शासन के निर्देश पर एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया गया था. ऊर्जा समिति की तरफ से रिपोर्ट तैयार कर भेज दी गई है. रिपोर्ट पर उच्च अधिकारियों के निर्देशों के हिसाब से नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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इन मामलों में कई बार उठ चुके हैं सवाल