लखनऊ:लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) के राजधानी में विकासदीप और नंदाखेड़ा जैसे अनेक कॉम्प्लेक्स अवैध कब्जों के शिकार है. करोड़ों रुपयों की संपत्ति पर माफिया का कब्जा है. एलडीए ने इन संपत्तियों को दोबारा हासिल करने के लिए कई बार अभियान चलाए, लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिली. अब ऐसी जर्जर और अवैध कब्जे का शिकार हो चुकी कुछ इमारतों को ध्वस्त (LDA preparations to demolish complexes) किया जाएगा. इनकी जगह नये कॉम्प्लेक्स बनाए जाएंगे. अवैध कब्जेदारों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा. जिनके पास वैध कागज होंगे. उन्हें नए कॉम्प्लेक्स में संपत्ति आवंटित कर दी जाएगी.
एलडीए (Lucknow Development Authority) ने बालागंज, आजादनगर, टिकैतराय, कानपुर रोड़, प्रियदर्शिनी, अलीगंज, विकासदीप और जानकीपुरम में बनी दुकानों की कीमतें 50 फीसदी तक घटाने का फैसला भी किया था. ऐसी दुकानें भी हैं जो वर्ष 1979 के बाद बनी हैं और आज तक नहीं बिकी. जानकारों की मानें तो इनमें से अधिकतर दुकानें लापरवाही के चलते अवैध कब्जे का शिकार हैं. बड़ी संख्या में दुकानें जर्जर भी हो चुकीं हैं. वहीं, इन दुकानों को बेचने के लिए एलडीए 8 से 10 बार विज्ञापन जारी कर चुका है. इन विज्ञापनों पर भी एलडीए ने लाखों रुपए खर्च किए, लेकिन जनता की गाढ़ी कमाई से तैयार की गई. दुकानें फिर भी नहीं बिक सकीं.
बुलाकी अड्डा पर नंदाखेड़ा, फैजाबाद रोड पर कैलाशकुंज, स्टेशन रोड पर विकासदीप और कानपुर रोड पर ब्रह्मकुंज कॉम्प्लेक्स ऐसे ठिकाने हैं, जो लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहे हैं. लंबे समय से इन कॉम्प्लेक्स की दुकानें नहीं बिक रही हैं. कैलाश कुंज में अधिकांश दुकानें अवैध कब्जों का शिकार हैं. यहां कई बार सर्वे हो चुका है. लेकिन 10 फीसदी से भी कम कब्जेदारों के पास वैध कागज मिले हैं. विकास दीप कॉम्पलेक्स में अवैध धर्म स्थल तक बन चुका है. जबकि नंदाखेड़ा मार्केट तो खंडहर में तब्दील हो रहा है. सीता से अलीगंज जानकीपुरम बालागंज में लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA preparations to demolish complexes) के कॉम्प्लेक्स में अधिकांश अवैध कब्जे ही हैं.