लखनऊ: राज्य कर्मचारियों की कैशलेस स्वास्थ्य योजना के तहत लाखों कर्मचारी के आश्रित वंचित रह जाएंगे. सरकार के कैशलेस कार्ड के नियम कड़े हैं. नियम यह है कि अगर किसी कर्मचारी के आश्रित की मासिक आय 3500 रुपये प्रति माह से अधिक है तो उसे लाभ नहीं मिलेगा. जिसको लेकर कर्मचारी यूनियनों के बीच जबरदस्त रोष है. वे सरकार से जवाब मांग रहे हैं कि इस तरह की विसंगति इस नियम में क्यों रखी गई है. उनका कहना है कि सरकार की मंशा ही नहीं है की यह लाभ कर्मचारियों को मिल सके.
इस योजना के तहत राज्य सरकार के 20 लाख कर्मचारियों के लिए कैशलैस मेडिकल क्लेम का इंतजाम किया गया है. व्यवस्था के तहत आयुष्मान भारत योजना के फार्मूले पर कर्मचारियों को पांच लाख तक के इलाज की व्यवस्था की जा रही है. जो कि यह कार्ड के दिखाने पर ही मिल जाएगी. लेकिन आयुष्मान योजना के फार्मूले के तहत इसमें आश्रितों को लाभ देने के लिए नियम बनाए गए हैं. यदि किसी कर्मचारी के परिवार के सदस्य की अगर ₹3500 प्रति माह से अधिक आय होती है तो उसको यह लाभ नहीं दिया जाएगा. सरकार की ओर से योजना के जारी बजट में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया है.
कर्मचारियों के आश्रितों की प्रति माह इससे ज्यादा हुई आय तो नहीं मिलेगा योजना का लाभ
प्रदेश सरकार की तरफ से राज्य कर्मचारियों के लिये कैशलेस स्वास्थ्य योजना बनाई गई है. इसके तहत कर्मचारियों के आश्रितों को भी लाभ दिया जाना है. लेकिन कड़े नियमों के चलते कर्मचारी यूनियन में नाराजगी देखी जा रही है.
हाइड्रो इलेक्ट्रिक एम्प्लॉय यूनियन उत्तर प्रदेश के महामंत्री पीके दीक्षित ने बताया कि सरकार की मंशा कर्मचारियों को बीमा का लाभ देने की लगती ही नहीं है. अगर होती तो इस तरह के नियम को लागू ही ना किया जाता. उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन के मामले में भी सरकार का यही रूप है. विधायिका में पुरानी पेंशन लागू है, लेकिन सरकारी कर्मचारियों को लाभ देने से सरकार कतरा रही है. एलडीए कर्मचारी यूनियन के महामंत्री दिनेश शुक्ला ने कहा कि ये अन्याय है. अनेक घरों में कर्मचारियों के आश्रित छोटी-मोटी प्राइवेट नौकरी करते हैं. उनका वेतन ₹3500 से अधिक है. ऐसे नियम लागू करने से उनको बहुत नुकसान होगा.
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