लखनऊ : आज के समय में पथरी एक आम बीमारी हो गई है. 10 में से चार लोगों को हो रही है. पेट, पित्त की थैली और किडनी में पथरी होती है. सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन आनंद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि 80 प्रतिशत पथरी कैल्शियम के कारण बनती है. मौजूदा वक्त में पहले की तरह शुद्ध चीजें नहीं रह गई हैं, लोग बाहर के खान-पान के पीछे भाग रहे हैं. पथरी की समस्या उन लोगों को ज्यादातर होती है जो रोज बाहर के तेल मसाले वाली चीजें खाते हैं.
डॉ. आनंद बताते हैं कि पथरी बनने का कारण कम पानी पीना है. जो व्यक्ति रोजाना 3 से 5 लीटर पानी पीता है. उसे जल्दी कोई भी रोग नहीं होता है क्योंकि आधी बीमारी कम पानी पीने के कारण होती है. जिसमें से एक पथरी भी है. इस दौरान उन्होंने बताया कि अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 300 मरीज आते हैं. जिसमें से तीन चार मरीज ऐसे होते हैं जिनका ऑपरेशन होना रहता है. जिन्हें पथरी से बहुत ज्यादा दिक्कत होती है. अगर पथरी किडनी या अन्य जगह है तो वह दवाई से गलाई जा सकती है. पित्त की थैली में पथरी होने पर ऑपरेशन करना पड़ता है. इसके लिए कोई और उपाय नहीं है.
उन्होंने बताया कि कैल्शियम स्टोन सबसे कॉमन प्रकार है. यह कैल्शियम ऑक्सलेट (सबसे आम), फॉस्फेट या मेलिएट के मेल से बने हैं. इसको नियंत्रण में करने के लिए आपको आलू, मूंगफली, चॉकलेट, चुकंदर और पालक की मात्रा कम करनी होगी.
खान पान पर देना होगा विशेष ध्यान :डॉ. आनंद ने बताया कि अगर आपको पथरी है तो आपको अपनी दिनचर्या पर ज्यादा ध्यान देना होगा. दिनचर्या के हिसाब से ही सो कर उठें, योग करें, समय से नाश्ता व भोजन करें. बाहर का खाना बिल्कुल भी न खाएं. जितना हो सके तला भुना कम खायें. मैदा युक्त समान बिल्कुल भी न खायें. युवाओं को अपने खानपान का विशेष ख्याल रखना होगा. ज्यादा से ज्यादा पानी पियें. इसके अलावा आप वज्रासन, पश्चिमोत्तानासन, बालासन, कपालभाति और प्राणायाम कर सकते हैं.