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Published : Dec 3, 2020, 6:50 PM IST

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अब अस्पतालों में नहीं होगी ऑक्सीजन की कमी, स्वास्थ्य विभाग बना आत्मनिर्भर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अस्पतालों में कम से कम 48 घंटे का ऑक्सीजन बैकअप रखने का निर्देश दिया था, जिसके बाद अब राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था है. ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था होने से अब कोरोना मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा.

no shortage of oxygen in hospitals
अस्पतालों में नहीं होगी ऑक्सीजन की कमी.

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बीते दिनों प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मरीजों के बीच ऑक्सीजन की अधिक उपयोगिता को देखते हुए अस्पतालों में कम से कम 48 घंटे का ऑक्सीजन बैकअप रखने का आदेश दिया गया था. इस आदेश के बाद स्वास्थ विभाग ने ऑक्सीजन के क्षेत्र में बेहतर काम करते हुए खुद को आत्मनिर्भर बना लिया है. राजधानी लखनऊ के अस्पताल समेत प्रदेश भर के सभी अस्पतालों के पास ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था है.

जानकारी देते संवाददाता.

कोरोना काल के दौरान हालात थे बदतर, मुख्यमंत्री ने लिया था संज्ञान
कोरोना काल जब मार्च के अंत में शुरू हुआ तो प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं काफी कमजोर थी. इस दौरान ऑक्सीजन की भी समस्या सामने आई थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने ऑक्सीजन को प्रदेश में बनाने की व्यवस्था शुरू करने के साथ अस्पतालों को 48 घंटे का ऑक्सीजन बैकअप रखने के लिए कहा था. अब ऑक्सीजन के मामले में उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने खुद को आत्मनिर्भर बना लिया है.

कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ते ही बढ़ी ऑक्सीजन की मांग
प्रदेश में जैसे-जैसे कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, वैसे-वैसे शहर में ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग भी बढ़ने लगी है. स्वास्थ्य विभाग ने इस आपदा को अवसर के रूप में लिया और ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर बना. महानिदेशक डीएस नेगी का कहना है कि कोरोना काल के दौरान स्वास्थ्य के मामले में अस्पतालों ने खुद को आत्मनिर्भर बनाया है. सभी अस्पतालों के पास पर्याप्त बैकअप ऑक्सीजन मौजूद है, जिससे भविष्य में ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी.

राजधानी के चिकित्सा संस्थानों के पास 5 दिन तक का ऑक्सीजन बैकअप
केजीएमयू के प्रवक्ता डॉक्टर सुधीर सिंह ने बताया कि केजीएमयू में उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश के बाद से 5 से 6 दिनों का ऑक्सीजन बैकअप बरकरार रखा गया है. उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से 2 दिन के लिए बैकअप के लिए कहा गया था, जिसके बाद से ही केजीएमयू प्रशासन लगातार इसको लेकर तत्परता दिखा रहा है. लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश सिंह ने बताया कि लोहिया संस्थान में सरकार के आदेश मिल जाने के बाद से ही ऑक्सीजन को पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रखने की तैयारी की गई है. इसके साथ-साथ ऑक्सीजन की कमी अस्पताल में न होने पाए, इसको लेकर भी तमाम तरह की व्यवस्था बनाई गई है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में लोहिया संस्थान के पास लगभग हफ्ते भर का ऑक्सीजन बैकअप मौजूद है.

स्वास्थ्य विभाग के पास ऑक्सीजन की 36 यूनिट
कोरोना काल के शुरुआती दौर में ऑक्सीजन की कमी अस्पतालों में बढ़ने लगी थी. इससे स्वास्थ्य विभाग चिंतित था. उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग ने ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ाने के लिए तमाम तरह के प्रयास किए, लेकिन हर तरफ से नाकामी ही हाथ लग रही थी. स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. डीएस नेगी ने बताया कि जब कोरोना की शुरुआत हुई तो हमारे पास कुल क्रियाशील 24 ऑपरेशन इकाई थी. दो लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन निर्माण इकाई और बाकी रिफिलर थी. पर जब शॉर्टेज हुई तो हमने इंडस्ट्रीज वॉल्यूम को प्रोत्साहित किया और वे लोग ऑक्सीजन सप्लाई करने लगे. इसको लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने भी यह आदेश दिया था कि अगर कोई इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन कंपनी मेडिकल ऑक्सीजन के क्षेत्र में आना चाहे तो उसे पूरा सहयोग किया जाएगा, जिसके बाद अब उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के पास ऑक्सीजन की 36 यूनिट है.

हर दिन 35 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की होती है खपत
उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की मात्रा पहले से काफी बेहतर हो गई है. अब ऑक्सीजन की कमी उत्तर प्रदेश में नहीं है. उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक बताते हैं कि हमारे पास ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. जब कोरोना काल की शुरुआत थी तो कोविड-19 अस्पताल में हर दिन करीब 35 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की डिमांड थी. अभी कोरोना के मामले कम आ रहे हैं तो रोज 20 मीट्रिक टन के आसपास डिमांड है. फिलहाल तो कोरोना मरीज कम है, लेकिन हमें तैयार रहना है कि पता नहीं कब दूसरी लहर आ जाए. उससे निपटने के लिए हमने पूरी तैयारियां कर रखी है.

ऑक्सीजन जनरेटर की ली जा रही मदद
उत्तर प्रदेश में पहले लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन के दो ही प्लांट थे, जिसकी वजह से ऑक्सीजन की समस्या हर समय प्रदेश भर में बने रहती थी. लेकिन अब जब जरूरत हुई तो विभाग द्वारा गाजियाबाद में तीसरा प्लांट शुरू किया गया है. इसकी क्षमता हर दिन 150 मीट्रिक टन है. इसके अलावा हॉस्पिटल में ऑक्सीजन जनरेटर लगवाया जा रहा है, जो हवा से ऑक्सीजन को अलग करके इस्तेमाल करता हैं. कुल मिलाकर कहा जाए तो अब प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी जल्दी नहीं होगी.

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