लखनऊ:उत्तर प्रदेश की आबादी के एक बड़े वर्ग में खून की कमी और खून संबंधी विकार हैं. लखीमपुर खीरी जनपद की थारू जनजाति में यह समस्या और भी ज्यादा है. भारत मे 3.8 फीसदी लोगों में खून संबंधी विकार या फिर थैलीसीमिया है. वहीं थारू जनजाति में यह प्रतिशत चार से 17 फीसदी तक मिला है. किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (King George's Medical University) के सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च सेंटर में हुए अध्ययन में इसका खुलासा हुआ है.
रिसर्च सेंटर की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नीतू निगम ने यह शोध किया है. इस शोध में लखीमपुर खीरी जिले में थारू आबादी में हीमोग्लोबिनोपैथी और थैलेसीमिया के एचबी प्रकार के विश्लेषण का मूल्यांकन किया गया. इसके लिए विभिन्न स्कूलों मे शिविर लगाकर 493 व्यक्तियों को शामिल किया गया. इनके खून के सैंपल लिए गये. इसमें पाया गया कि 493 में से 21.9 प्रतिशत यानी 108 व्यक्ति असामान्य हीमोग्लोबिनोपैथी से पीड़ित हैं.
इसमें से 12.98 प्रतिशत थैलीसीमिया, 7.5 प्रतिशत एचबीई, मिश्रित विषमयुग्मजी एचबीएस वाले 1.42 प्रतिशत लोग पाये गये. इस शोध के आधार पर लखीमपुर खीरी जनपद में थारू जनजाति के लिए विशेष स्वास्थ्य कार्यक्रम की योजना तैयार की जा सकती है. केजीएमयू कुलपति ले. जनरल डॉ. बिपिन पुरी केअनुसार इस तरह के शोध से सामाजिक स्वास्थ्य समस्याओं का हल निकालने में बड़ी मदद मिलती है.
बीएएमएस स्टूडेंट्स को मिलेगा सरकारी कॉलेज में 12 हजार रुपये भत्ता:बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएएमएस) छात्रों के लिए खुशखबरी है. सरकारी कॉलेज से बीएएमएस की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को अब हर महीने 12000 रुपये इंटर्नशिप भत्ता मिलेगा. इसका आदेश जारी हो गया है. इसी साल से व्यवस्था लागू होगी. यूपी में आठ राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज हैं. इनमें हर साल करीब 350 छात्र बीएएमएस की डिग्री लेकर निकल रहे हैं. साढ़े पांच साल आयुर्वेद की पढ़ाई के दौरान अंतिम वर्ष छात्रों को इंटर्नशिप करनी होती है. इसे पूरा करने के बाद ही छात्रों को डिग्री दी जाती है. इसके बदले छात्र-छात्राओं को इंटर्नशिप भत्ता भी प्रदान किया जाता है.