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60 फीसदी मरीज बिना लक्षण के परेशान, शहर के ये इलाके कोरोना से अधिक प्रभावित

स्वास्थ्य मंत्री और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Deputy CM Brajesh Pathak) ने भी सभी लोगों से बारी आने पर कोरोना से बचाव का टीकाकरण कराने की अपील की है. कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए अस्पतालों में पुख्ता व्यवस्था है.

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यूपी में कोरोना

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Published : Jun 26, 2022, 4:49 PM IST

लखनऊ: सर्दी-जुकाम, बुखार, गले में खराश के लक्षणों को नजरअंदाज न करें. डायरिया भी संक्रमण का लक्षण हो सकता है. अभी 35 से 40 फीसदी संक्रमितों में कोरोना के लक्षण नजर आ रहे हैं. बाकी 60 फीसदी मरीज बिना लक्षण के हैं. स्वास्थ्य मंत्री और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Deputy CM Brajesh Pathak) ने भी सभी लोगों से बारी आने पर कोरोना से बचाव का टीकाकरण कराने की अपील की है.

उन्होंने कहा कि वैक्सीन ही कोरोना से लड़ाई का मजबूत हथियार है. कोरोना वायरस से डरने की जरूरत नहीं है. एहतियात बरतें. भीड़-भाड़ में निकलने से बचें. मास्क से मुंह और नाक को अच्छी तरह से ढ़कने के बाद ही घर से बाहर निकलें. समय-समय पर हाथों को सैनेटाइज करें. शहर के कुछ क्षेत्र अधिक प्रभावित हैं, जहां पर कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है.

60 फीसदी मरीज बिना लक्षण के परेशान
मॉक ड्रिल कर परखी जा रही तैयारियां कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए अस्पतालों में पुख्ता व्यवस्था है. केजीएमयू, लोकबंधु, बलरामपुर, लोहिया समेत दूसरे अस्पतालों में कोरोना मरीजों के भर्ती की पुख्ता व्यवस्था है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश के बाद अस्पतालों में मॉक ड्रिल कराई जा रही है. इसमें कोरोना संक्रमितों की भर्ती का समय और प्रक्रिया परखी जा रही है. अभी लोहिया संस्थान और लोकबंधु अस्पताल में मॉक ड्रिल हुई है. मॉक ड्रिल में पांच से सात मिनट में कोरोना संक्रमित की भर्ती हो रही है.
कोरोना से अधिक प्रभावित
100 से अधिक वेंटिलेटर और आईसीयू बेड तैयार हैं. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर के लिए जिन अस्पतालों को कोरोना मरीजों के लिए चिन्हित किया गया था, उनमें संसाधन अभी पुख्ता है. उन्हें सामान्य अस्पतालों में तब्दील नहीं किया गया है. लिहाजा संक्रमितों के भर्ती और जरूरी दवाओं के पुख्ता इंतजाम कर लिए गए हैं.

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सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल (CMO Dr. Manoj Agarwal) ने बताया कि सभी प्राइवेट अस्पतालों में पांच से 10 बेड कोरोना संक्रमितों के लिए आरक्षित करने के निर्देश दिए गए हैं. दूसरी बीमारी के बाद अस्पताल आने वाला कोई मरीज कोरोना की चपेट में आता है, तो उसका इलाज बंद न करें. बिना जरूरत कोविड अस्पताल में रेफर भी न करें. अपने यहां आरक्षित कोविड यूनिट में मरीज को भर्ती कर इलाज मुहैया कराएं. अस्पताल पहुंच रहे हैं मरीजों में बहुत सारी मरीज ऐसे हैं, जिनमें लक्षण नहीं है. अधिकांश तौर पर गर्मी के मौसम में डिहाइड्रेशन की प्रॉब्लम आम हो जाती है. अस्पताल की ओपीडी में जितने भी मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं, ज्यादातर मरीजों में एक ही चीज मिल रही है दस्त, उल्टी और बुखार. वहीं, बहुत सारे मरीज ऐसे आ रहे हैं जिन्हें कोई लक्षण ही नहीं है, जो एकदम तंदुरुस्त बावजूद इसके उनकी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है. राजधानी के यह क्षेत्र अधिक प्रभावितप्रदेश में लगातार कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं. ऐसे में राजधानी लखनऊ में भी संक्रमितों की संख्या बढ़ी हैं. शहर के कुछ इलाके ऐसे हैं, जहां पर अधिक कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. जिसमें अलीगंज 12, आलमबाग 22, चिनहट 11, इंदिरानगर 8, सरोजनीनगर 26, सिल्वर जुबिली 17, एनके रोड 36, रेडक्रास 12 और टुडिय़ागंज 6 शामिल हैं.

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