लखनऊ:प्रदेश के हैंडलूम और पॉवरलूम को अब सौर ऊर्जा से जुड़ेंगे. ऊर्जीकृत करने के साथ इनको सोलर इनवर्टर भी दिया जाएगा. इससे ऊर्जा भी बचेगी और ईको फ्रेंडली उत्पाद भी तैयार होंगे. इसके साथ ही उत्पादन की गुणवत्ता भी सुधरेगी. उत्पादन बढ़ने से दाम भी बाजार के समान उत्पादों की तुलना में प्रतिस्पर्धी होंगे.
हैंडलूम और पॉवरलूम को सोलर पॉवर से बूस्टअप करने के लिए उद्योग विभाग शीघ्र ही 'मुख्यमंत्री बुनकर सौर ऊर्जा' योजना शुरू करेगा. इसके लिए सभी औपचारकिताएं पूरी कर ली गईं हैं. योजना के अमल में आने पर पारंपरिक ऊर्जा की खपत कम होगी. इससे प्रदूषण भी घटेगा. उत्पादन लागत घटने से बुनकरों का लाभ भी बढ़ेगा. वहीं, पचास हजार बुनकरों को बैंक से भी जोड़ने की योजना है. पॉवरलूम को सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत करने के लिए बजट में भी 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
प्रदेश के 34 जिले हथकरघा बाहुल हैं. हथकरघों, हथकरघा बुनकरों और बुनकर सहकारी समितियों की संख्या लाखों में है. मऊ, अंबेडकरनगर, वाराणसी, मेरठ, कानपुर, झांसी, इटावा, संतकबीरनगर आदि जिले पॉवरलूम बहुल हैं. पॉवरलूम और इन पर काम करने वाले बुनकरों की संख्या 2.58 लाख हैं.
प्रदेश सरकार तीन महीने में वाराणसी के 50 हजार बुनकरों को बैंक से जोड़ेगी. बैंकों से जोड़कर ही उन्हें ओडीओपी योजना के तहत अनुदान भी उपलब्ध कराया जाएगा. एमएसएमई विभाग और बैंकर्स की बैठक हुई. उसमे तय हुआ कि जरूरत के अनुसार औपचारिकताओं में छूट दी जाएगी. सिडबी भी इस अभियान में मदद करेगी. पहले से ही करीब 25 हजार बुनकर हैंडलूम विभाग के पोर्टल (Handloom Department Portal) पर पंजीकृत हैं. इनका फॉर्म 15 अगस्त तक अपलोड कर दिया जाएगा.