लखनऊ:उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बुधवार को राजभवन से उ.प्र. राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज तथा डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या की ऑनलाइन समीक्षा बैठक की. इस अवसर पर उ.प्र. राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में रिक्त पदों पर राजभवन सचिवालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग तथा शासन द्वारा निर्गत दिशा-निर्देशों के अनुरूप समयबद्ध एवं पारदर्शिता के साथ चयन प्रक्रिया अपनाई जाए तथा विज्ञापन में सम्पूर्ण चयन प्रक्रिया का स्पष्ट उल्लेख हो.
छात्रों को जल्दी भेजे जाएं डिग्री व प्रमाण पत्र
राज्यपाल ने निर्देश दिए कि महालेखाकार की आपत्तियों का समयबद्ध निस्तारण हो तथा लम्बित समस्त डिग्री प्रमाण-पत्रों को जल्दी ही विद्यार्थियों के पते पर भेजना सुनिश्चित करें. साथ ही लम्बित प्रमाण-पत्रों की सूचना अपनी वेबसाइट पर भी डालें. विश्वविद्यालय में डिजिटल लाॅकर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. राज्यपाल ने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय राज्य विश्वविद्यालयों के साथ एएमयू करके वहां पर अपने अध्ययन केन्द्र बनाएं, ताकि छात्रों को सहूलियत हो सके.
महालेखाकार से प्राप्त आपत्तियों का समयबद्ध एवं गंभीरता के साथ करें निस्तारण
कुलाधिपति ने डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की समीक्षा करते हुए कहा कि महालेखाकार से प्राप्त आपत्तियों का समयबद्ध एवं गंभीरता के साथ निस्तारण करें. उन्होंने लम्बे समय तक अग्रिम भुगतानों का निस्तारण न होने पर कड़ी नाराजगी जताई और निर्देश दिया कि जिन कर्मियों द्वारा अब तक अग्रिम भुगतान का समायोजन नहीं कराया गया है. उस धनराशि की कटौती उनके वेतन से कर ली जाए. राज्यपाल ने कहा कि वित्तीय नियमों का अक्षरशः पालन किया जाना चाहिए तथा हर कर्मचारी की उसके कार्य के प्रति जिम्मेदारी होनी चाहिए. लापरवाह एवं समयबद्ध तथा नियमानुसार कार्य न करने वाले कर्मियों को नोटिस दिया जाना चाहिए.
महिला सशक्तीकरण के कार्यक्रम करने के निर्देश
राज्यपाल ने दोनों विश्वविद्यालयों में स्थापित महिला अध्ययन केन्द्रों की समीक्षा करते हुए महिला सशक्तीकरण पर अधिक से अधिक कार्यक्रम किए जाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि महिला जागरूकता के लिये विश्वविद्यालय गोष्ठी एवं सेमिनार आदि आयोजित करें, जिसमें नवनिर्वाचित महिला ग्राम प्रधानों को भी शामिल करते हुए उन्हें सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दें. इसके साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों को सहयोग देते हुए कुपोषित बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं तथा क्षय रोग ग्रसित बच्चों के उत्तम स्वास्थ्य हेतु ग्राम प्रधानों को प्रेरित करें, ताकि इस प्रकार की समस्याओं से उनकी ग्राम सभा मुक्त हो सके.