लखनऊ : परिवहन विभाग के इतिहास में पहली बार एक मुश्त समाधान योजना लागू की गई है. योजना लागू करने के पीछे उद्देश्य यही है कि कैसे भी टैक्स बकायेदारों से सैकड़ों करोड़ रुपए की वसूली हो सके. ओटीएस योजना के तहत बकायेदारों को 100 प्रतिशत पेनल्टी की छूट दी जा रही है. तीन किस्तों में टैक्स का भुगतान करने का मौका भी दिया जा रहा है. लेकिन टैक्स बकायेदार ओटीएस योजना से भी लाभान्वित होकर टैक्स अदा करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. 38 हजार बकायेदारों में से अब तक योजना का लाभ लेने वाले बकायेदारों का आंकड़ा 500 भी नहीं पहुंचा है. फिलहाल, विभागीय अधिकारियों का कहना है कि ओटीएस योजना का लाभ लेकर भी अगर बकाएदार टैक्स नहीं जमा करते हैं तो चेकिंग अभियान के दौरान कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
उत्तर प्रदेश की राजधानी की बात की जाए तो एक अप्रैल 2020 तक कुल 38,120 वाहनों पर परिवहन विभाग का साढ़े 76 लाख से ज्यादा का बकाया है. ओटीएस के तहत कुल 400 आवेदन अब तक आरटीओ लखनऊ को मिले हैं. इनमें से अधिकतर वाहन स्वामियों को टैक्स में पेनल्टी की छूट दी गई है. इस तरह लखनऊ को कुल 40 लाख रुपए की टैक्स वसूली हुई है. इसी तरह अगर पूरे जोन के सभी जिलों की बात की जाए तो एक लाख 3,494 वाहन स्वामियों पर टैक्स का दो करोड़ 45 लाख 36 हजार 60 रुपए से ज्यादा का बकाया है. अभी तक 397 वाहन स्वामियों ने एकमुश्त समाधान योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया है. इसमें से 244 बकाएदारों ने योजना का लाभ उठाकर अपना टैक्स बचाया है. इससे परिवहन विभाग को लखनऊ जोन से एक करोड़ 20 लाख 76 हजार रुपए का टैक्स वसूलने में कामयाबी मिली है.
लखनऊ संभाग के उन्नाव जिले में 5,222 टैक्स के बकाएदार हैं. इन पर 12.17 लाख रुपए से ज्यादा का टैक्स बकाया है. सिर्फ चार बकायेदारों ने ही ओटीएस योजना के तहत आवेदन किया है. इन सभी को परिवहन विभाग ने लाभ देते हुए ₹2,36000 टैक्स की वसूली की है. रायबरेली में 5039 वाहन स्वामी टैक्स नहीं चुका रहे हैं. इन पर ₹7,30000 लाख बकाया है. कुल पांच लोगों ने यहां पर ओटीएस योजना के लिए आवेदन किया है. सीतापुर की सड़कों पर 4,438 टैक्स के बकाए वाले वाहन दौड़ रहे हैं, जिन पर ₹13,56000 लाख से ज्यादा का टैक्स बकाया है. 27 वाहन मालिकों ने ओटीएस योजना के तहत अप्लाई किया है. लखीमपुर की बात की जाए तो यहां पर भी 3,641 वाहन बिना टैक्स चुकाए ही संचालित हो रहे हैं. जिन पर 14 लाख रुपए से ज्यादा का बकाया है. हरदोई में 3,780 टैक्स के बकाएदार हैं, जिन पर 40 लाख रुपए से ज्यादा का परिवहन विभाग का बकाया है. यानी लखनऊ जोन की बात करें तो एक करोड़ 27 लाख 51 हजार रुपए टैक्स के रूप में परिवहन विभाग के वाहन स्वामियों का बकाया है
परिवहन विभाग के अयोध्या संभाग में 22,055 वाहन स्वामी टैक्स के बकाएदार हैं. इन पर 56 लाख 45 हजार रुपए से ज्यादा का बकाया है. अब तक 106 वाहन स्वामियों ने ओटीएस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया है. जिनमें से 77 को योजना का लाभ पहुंचाया गया है. अयोध्या में 8,322, अंबेडकरनगर में 3,218, सुल्तानपुर में 3,522, बाराबंकी में 5,198 और अमेठी में 1,795 टैक्स के बकाएदार चिन्हित किए गए हैं. इसी तरह गोंडा संभाग की बात की जाए तो यहां पर कुल 9,156 वाहन बिना टैक्स जमा किए ही सड़क पर फर्राटा भर रहे हैं. इन पर परिवहन विभाग का तकरीबन 31 लाख रुपए बकाया है. अब तक सिर्फ 18 बकायेदारों ने ही योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया है. 12 लोगों को योजना का लाभ दिया गया है. इनमें गोंडा में 3,502, बलरामपुर में 1,465, बहराइच में 3,521 और श्रावस्ती में 668 वाहन स्वामी टैक्स नहीं चुका रहे हैं.
बस्ती संभाग की बात की जाए तो कुल 12,043 वाहन टैक्स के बकाए के बावजूद सड़क पर संचालित हो रहे हैं. इन पर परिवहन विभाग का तकरीबन ₹31 लाख बकाया है. कुल 23 बकायेदारों ने ही अब तक टैक्स में छूट पाने के लिए आवेदन किया है. इनमें से 21 बकायेदारों को परिवहन विभाग ने योजना का लाभ दिया है. बस्ती में 6,872, सिद्धार्थनगर में 1,917 और संत कबीर नगर में 3,254 वाहन स्वामी बिना टैक्स चुकाए वाहनों को संचालित कर रहे हैं. कुल मिलाकर अगर लखनऊ परिक्षेत्र में परिवहन विभाग के टैक्स बकाएदार वाहन स्वामियों की बात करें तो इनकी संख्या 1,03,494 है. इन पर परिवहन विभाग का दो करोड़ 45 लाख 36 हजार से ज्यादा का बकाया है. अब तक ओटीएस योजना के तहत परिवहन विभाग को सिर्फ एक करोड़ 20 लाख से कुछ ज्यादा ही टैक्स वसूलने में कामयाबी मिल पाई है.
लखनऊ के एआरटीओ (प्रशासन) अखिलेश द्विवेदी का कहना है कि 26 जुलाई तक ही वाहन स्वामियों को टैक्स में हंड्रेड परसेंट पेनल्टी की छूट का मौका मिलेगा. इस तारीख तक ₹1000 जमा करके वह रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. जिससे उन्हें काफी लाभ होगा. योजना के प्रचार-प्रसार के लिए आरटीओ लखनऊ में होर्डिंग लगाई गई है, फिटनेस सेंटर पर होर्डिंग लगी है. विभिन्न सरकारी कार्यालयों में प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. समाचार पत्रों, सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर भी इस योजना का लाभ लेने के लिए टैक्स बकायेदारों को जागरूक किया जा रहा है.