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जानिये क्यों धरने पर बैठे हैं 6800 अभ्यर्थी, लाखों युवाओं के सपने दांव पर

उत्तर प्रदेश में भर्ती प्रक्रिया को लेकर अभ्यर्थियों में खासा नाराजगी देखने को मिल रही है. अपनी मांगों को लेकर अभ्यर्थी सड़कों पर प्रदर्शन करने को मजबूर हैं.

धरने पर बैठे अभ्यर्थी
धरने पर बैठे अभ्यर्थी

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Published : Jun 2, 2022, 6:31 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में शिक्षा विभाग से लेकर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग तक की 10 से ज्यादा भर्ती प्रक्रिया अभी तक फंसी हुई है. किसी भर्ती प्रक्रिया के नतीजे रोके गए हैं तो किसी में आवेदन देने और परीक्षा कराने के बाद भी आयोग शांत है. नतीजे और नियुक्ति की मांग को लेकर अभ्यर्थी सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदेश के लाखों युवाओं के सपने दांव पर हैं.

यह भर्ती प्रक्रिया अभी तक नहीं हुई पूरी:उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की तरफ से सम्मिलित तकनीकी सेवा चयन भर्ती प्रक्रिया 2016 में शुरू की गई थी. 292 रिक्त पदों के लिए 52000 से ज्यादा अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे, लेकिन अभी तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है. वहीं अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने जून 2014 से मार्च 2017 के बीच 49 विज्ञापनों के तहत विभिन्न विभागों के करीब 40,245 पदों पर भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू की थी. अब तक करीब 38,835 पदों पर प्रक्रिया पूरी हो पाई है. 4000 से ज्यादा पदों के लिए अभी भी अभ्यर्थी संघर्ष कर रहे हैं.

जानकारी देते संवाददाता आशीष त्रिपाठी
वहीं 68,000 शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया 2018 में शुरू की गई थी. आज 2022 चल रहा है. आरक्षित वर्ग के 6800 अभ्यर्थी वर्तमान में धरने पर बैठे हैं. अभ्यर्थियों ने बताया कि जनवरी 2022 में उनके चयनित होने के संबंध में विभाग की तरफ से आदेश जारी किए गए थे. उसके बाद पहले तो उन्हें टरकाया गया. अब मामला कोर्ट में है.
धरने पर बैठे अभ्यर्थी

यह अभ्यर्थी बीते 70 दिन से लखनऊ में धरना दे रहे हैं. इसके अलावा उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की तरफ से कुछ साल पहले कनिष्ठ सहायक के 536 पदों पर भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू की गई थी. इसमें अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी. उनका साक्षात्कार भी हो चुका है, लेकिन नतीजे जारी नहीं किए गए हैं. इन नतीजों को जारी किए जाने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों की तरफ से करीब 1 सप्ताह पहले पिकप भवन पर धरना प्रदर्शन भी किया गया था.

धरने पर बैठे अभ्यर्थी

जनवरी 2021 में प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के करीब 50,000 पदों को भरने के निर्देश दिये गये थे. जिलेवार भर्ती की जानी थी. कई जिलों में ऑनलाइन आवेदन तक लिए गए, लेकिन आवेदन प्रक्रिया में ही इस तरह की गड़बड़ी सामने आई कि न तो आधिकारिक रूप से भर्तियां हो पाईं और न ही भर्तियों को स्थगित करने के संबंध में कोई आदेश दिया गया. हालांकि अब सरकार की तरफ से करीब 20,000 पदों पर भर्ती किए जाने की घोषणा की गई है.

यह है अभ्यर्थियों का दर्द:इको गार्डन में पिछले 70 दिन से धरना दे रहे लखनऊ के चंदन ने बताया कि वह और उनके साथी 69000 शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया में शामिल हुए थे. 2018 में आवेदन की प्रक्रिया शुरू हुई. 2019 में परीक्षा कराई गई. जनवरी 2022 में चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी भी कर दी गई, लेकिन अभी तक नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया है. जितना संघर्ष करना था हम कर चुके हैं, अब हमारा सब्र टूट रहा है.

इलाहाबाद से आए वीरेंद्र कहते हैं कि इस भर्ती प्रक्रिया को लेकर हमने मुख्यमंत्री तक से गुहार लगाई. दिसंबर 2021 तक मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, शिक्षा विभाग के अधिकारी से लेकर भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय तक कई बार चक्कर लगाए. हर वो दरवाजा खटखटाया जहां से उम्मीद की छोटी सी किरण नजर आती थी. आश्वासन तो कई बार मिला, लेकिन नौकरी आज तक नहीं मिल पाई. दिसंबर में मुख्यमंत्री से मुलाकात हुई थी. उनकी बातें सुनकर काफी उम्मीद जागी, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. बाराबंकी के मधुकर जायसवाल ने बताया कि वह बीते 10 साल से कई शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल हुए. कई बार उनका चयन भी हुआ, लेकिन कानूनी दांवपेच के चलते नियुक्ति ही नहीं मिल पाई. 2018 में शुरू हुई यह शिक्षक भर्ती अब उनकी आखिरी उम्मीद है. जिसके लिए संघर्ष कर रहे हैं.

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28 हजार से ज्यादा नई नौकरियां देने का दावा

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग और उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग इस साल में करीब 28000 नौकरियां देने की तैयारी में है. अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पहले 100 दिनों में 12000, अगले 6 माह में तीन हजार और अगले 6 माह में 5000 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू करेगा. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की तरफ से पहले 100 दिनों में 3472 भर्तियां की जाएंगी. फिर 6 महीने में 2242 पद और अगले 6 महीने में 2771 पदों पर भर्ती किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

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