लखनऊ : यूपी में मुफ्त एम्बुलेंस सेवा में फर्जीवाड़ा हुआ है. कई जिलों की शिकायत डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को मिली. ऐसे में उन्होंने डीजी हेल्थ से रिपोर्ट तलब की. अब लखनऊ समेत कई जिलों में स्वास्थ्य विभाग के अफसर जांच में जुट गए हैं.
राज्य में तीन तरह की एंबुलेंस सेवा संचालित हैं. इसमें 108 इमरजेंसी एंबुलेंस सेवा के 2200 वाहन हैं. इससे रोज औसतन 9500 मरीज अस्पताल में शिफ्ट किए जाते हैं. वहीं गर्भवती महिला व नवजात को अस्पताल पहुंचाने के लिए 102 एंबुलेंस सेवा है. इसके राज्यभर में 2270 वाहन संचालित हैं. इस एम्बुलेन्स से रोज औसतन 9500 मरीज जाते हैं. गंभीर मरीजों के लिए 75 जनपदों में 250 वेंटिलेटर युक्त एंबुलेंस तैनात की गई हैं. इससे 500 के करीब मरीजों की मदद की जाती है. इन सभी एंबुलेंस के संचालन की बागडोर निजी कंपनी के पास है. लखनऊ में 102 सेवा की 34 एम्बुलेंस हैं. वहीं 108 सेवा की 44 एम्बुलेंस हैं. ये सभी सेवाएं मरीजों को मुफ्त मुहैया कराई जाती हैं.
एम्बुलेंस सेवा में फर्जीवाड़ा, डीजी हेल्थ ने दिए जांच के आदेश
यूपी में मुफ्त एम्बुलेंस सेवा में फर्जीवाड़ा हुआ है. डीजी हेल्थ डॉ वेद व्रत के मुताबिक, एम्बुलेंस सेवा पर फर्जी केस की शिकायत मिली थी. इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं.
डीजी हेल्थ डॉ वेद व्रत
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डीजी हेल्थ डॉ वेद व्रत के मुताबिक, एम्बुलेंस सेवा पर फर्जी केस की शिकायत मिली थी. इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं. तीन महीने में 102 व 108 एम्बुलेंस से मरीजों को अस्पताल छोड़ने के मामले का ब्यौरा तलब किया गया है. उसका सत्यापन कराया जा रहा है.
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