उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / city

RTE : निजी स्कूल की फ्री सीट पर दाखिले में फर्जीवाड़ा, बेसिक शिक्षा विभाग पर उठे यह सवाल - सेंट जोसेफ

एक निजी स्कूल की दूसरी क्लास में पढ़ने वाले एक बच्चे के अभिभावकों ने आरटीई के तहत नि:शुल्क सीट पर बैठने के लिए आवेदन किया. शिक्षा विभाग ने उसका चयन भी कर लिया और उसे इसी स्कूल की पहली कक्षा में सीट आवंटित कर दी.

शिक्षा भवन
शिक्षा भवन

By

Published : May 14, 2022, 8:15 PM IST

लखनऊ : गरीब और जरूरतमंद परिवार के बच्चों को शिक्षा का मौका देने के लिए उन्हें शिक्षा का अधिकार (RTE) दिया गया. अब कुछ लोग इस अधिकार का अनुचित लाभ उठाने में लगे हैं. फर्जी दस्तावेजों के सहारे यह आरटीई के माध्यम से होने वाले दाखिले के लिए आवेदन कर रहे हैं. इन्हें सीटें भी आवंटित की जा रहीं हैं.

राजाजीपुरम के सेंट जोसेफ स्कूल की दूसरी क्लास में पढ़ने वाले एक बच्चे के अभिभावकों ने आरटीई के तहत नि:शुल्क सीट के लिए आवेदन किया. कम आय का प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत किया. शिक्षा विभाग ने उसका चयन भी कर लिया और उसे इसी स्कूल की पहली कक्षा में सीट आवंटित कर दी. यह उदाहरण सिर्फ बानगी भर है. राजधानी के तमाम निजी स्कूलों में इस तरह के केस सामने आ रहे हैं.

संवाददाता आशीष त्रिपाठी

अनऐडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल का कहना है कि हैरानी की बात तो यह है कि जिस निजी विद्यालय में बच्चा पहले से ही पढ़ रहा है, उसी विद्यालय में फर्जी प्रपत्रों के आधार पर आरटीई द्वारा प्रवेश लेना चाह रहा है. वह कक्षा दो में पढ़ रहा है लेकिन आयु कम कर कक्षा एक में प्रवेश ले रहा है. इस कार्य में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी गलत तरीकों से पूरा सहयोग कर रहे हैं.

क्या कहते हैं आरटीई के नियम :एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि आरटीई के अधिनियम की धारा 15-ए के अनुसार जो बच्चा पहले से ही किसी विद्यालय में पढ़ रहा है. उसका प्रवेश आरटीई के तहत नहीं हो सकता है. लाभार्थी के परिवार की वार्षिक आय एक लाख रूपये से कम होनी चाहिए. लोग आरटीई में प्रवेश के लिये अपनी आय मात्र चार हजार रुपये प्रतिमाह का आय प्रमाण-पत्र बनवा रहे है. जो आज के समय में संभव ही नहीं है.

ये भी पढ़ें :यूपी मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं शुरू, जानिए क्या किए गए केंद्रों पर इंतजाम

बेसिक शिक्षा विभाग पर उठे सवाल :आरटीई के तहत निजी स्कूलों की 25% फ्री सीट पर बेसिक शिक्षा विभाग के माध्यम से दाखिले लिए जाते हैं. पात्र और अपात्र अभ्यर्थी का चयन करना जिम्मेदारी बेसिक शिक्षा विभाग की है. ऐसे में इस तरह की गड़बड़ियां सामने आने के चलते बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर भी सवाल उठ रहे हैं. जानकारों की मानें तो विभाग फर्जी लाभार्थियों का किसी भी प्रकार का कोई भौतिक सत्यापन भी नहीं करता है. आरटीई के तहत प्रवेश लेने वालों के दो से तीन मंजिला घर हैं. घर के बाहर कार भी है लेकिन यह सब विभाग के अधिकारियों को नहीं दिखता है. बेसिक शिक्षा अधिकारी विजय प्रताप सिंह ने बताया कि कुछ शिकायतें इस संबंध में सामने आई हैं. उनकी जांच कराकर नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.

तीसरे चरण के लिए आवेदन शुरू :आरटीई के तहत होने वाले दाखिलों का तीसरा चरण शुरू हो चुका है. ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं. आवेदन 10 जून तक लिए जाएंगे. 15 जून को लॉटरी निकाली जाएगी.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ABOUT THE AUTHOR

...view details